0 रिटायर्ड एयरफोर्स चीफ धनोआ का नाम भी रेस में
नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने एयरफोर्स एक्ट में बड़ा बदलाव किया है। अब वायुसेना में काम कर रहे या रिटायर हो चुके एयर मार्शल-एयर चीफ मार्शल को चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ भी चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ ( सीडीएस ) बन सकते हैं। हालांकि इसमें एक प्रमुख शर्त रखी गई है। जिस व्यक्ति को सीडीएस बनाया जाएगा, उसकी उम्र 62 साल से ज्यादा न हो। इसे अब एयरफोर्स (संशोधन) रेग्युलेशन 2022 के नाम से जाना जाएगा।
बता दें कि जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद से यह पद खाली है। तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलिकॉप्टर क्रैश में रावत, उनकी पत्नी समेत 13 लोगों की मौत हो गई थी।
बीएस धनावो बन सकते हैं अगले सीडीएस
सीडीएस के पद को भरने के लिए सरकार ने प्रोसेस शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार अगले हफ्ते तक नए सीडीएस के नाम की घोषणा कर सकती है। पूर्व एयर चीफ मार्शल बीरेंद्र सिंह धनोआ का नाम इस रेस में आगे चल रहा है। बीएस धनावो भारतीय वायु सेना के 25वें सेनाध्यक्ष थे।
जनरल नरवणे के नाम की भी है चर्चा
सीडीएस बनने में जनरल नरवणे का नाम भी चर्चा में है। नरवणे का अब तक का कैरियर शानदार रहा है। भारत की सीमा चीनी सेना के घुसपैठ मामले को उन्होंने अच्छे तरीके से संभाला था और उन्हें सीमा से पीछे जाने के लिए मजबूर कर दिया था। जनरल नरवणे के नाम के साथ-साथ एयर चीफ मार्शल वी. आर. चौधरी और नौसेना चीफ एडमिरल आर. हरि कुमार, एयर मार्शल बीआर कृष्णा भी शामिल हैं।
कब हुई सीडीएस पद की स्थापना
1999 में कारगिल युद्ध के बाद सरकार को कई समितियों ने इस पद के लिए सुझाव दिया था। इसके बाद भारत सरकार लगातार सीडीएस पद पर विचार कर रही थी। 15 अगस्त 2019 को लालकिले से पीएम मोदी ने इस पद की घोषणा की थी और कहा था कि इससे तीनों सेनाओं को शीर्ष स्तर पर बढ़िया नेतृत्व मिलेगा।
2020 में सीडीएस बने बिपिन रावत
जनवरी 2020 में भारत सरकार ने जनरल बिपिन रावत को पहला सीडीएस नियुक्त किया। उनका काम था कि तीनों सेनाओं के तालमेल बनाना ताकि देश की सैन्य शक्ति को बढ़ावा मिल सके। सीडीएस को तीनों प्रमुखों को निर्देश देने का अधिकार भी दिया गया है।