वॉशिंगटन। तीन माह से ज्यादा समय से रूस व यूक्रेन के बीच जंग जारी है। इसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने तबाही का परोक्ष जिक्र करते हुए कहा कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद ऐसा कभी नहीं हुआ। बाइडन ने यह भी कहा कि जब मैंने यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की को जंग के खतरे से आगाह किया तो उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा था। वह हमारी सुनना ही नहीं चाहते थे।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने शुक्रवार को वॉशिंगटन में अपनी डेमोक्रेटिक पार्टी द्वारा यूक्रेन की मदद के लिए चंदा जुटाने के अभियान के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि युद्धग्रस्त यूक्रेन देश के राष्ट्रपति रूस के हमले से पहले यह सुनना भी नहीं चाहते थे कि मॉस्को उन पर हमला करने वाला है। रूस और यूक्रेन के बीच जंग से भारी तबाही हो रही है। 24 मार्च को रूस द्वारा धावा बोलने के बाद से हजारों लोग और जवान मारे जा चुके हैं। निसंदेह रूस की तुलना की यूक्रेन व्यापक विध्वंस व संहार झेल रहा है।
जो बाइडन ने यह भी कहा कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद से ऐसा नहीं हुआ। शुरुआत में कई लोगों ने सोचा होगा कि मैं बढ़ा-चढ़ाकर बातें कर रहा हूं, लेकिन हमारे पास सूचनाएं व आंकड़े थे। जंग के दौरान वे (रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन) हद पार करने वाले थे, यह भी जानकारी हमें थी, लेकिन जेलेंस्की इस खतरे के बारे में कुछ नहीं सुनना चाहते थे।
जंग में रोज हो रही यूक्रेन के 200 सैनिकों की मौत
उधर, राष्ट्रपति जेलेंस्की के सलाहकार मिखाइल पोडोलियेक के अनुसार रूसी हमले में रोज हमारे 100-200 सैनिक मारे जा रहे हैं। जब तक पश्चिमी देश हमें अत्याधुनिक हथियार नहीं देंगे रूस को माकूल जवाब नहीं दे सकेंगे। यूक्रेन हथियार संपन्न रहेगा तो मौतें कम होंगी और रूस फिर चर्चा शुरू करने को तैयार हो जाएगा।