प्रयागराज। प्रयागराज में जुमे के दिन अटाला में हुए बवाल के मास्टरमाइंड जावेद मोहम्मद के खिलाफ रविवार को बड़ी कार्रवाई हुई। प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) ने करेली के जेके आशियाना स्थित उसके आलीशान मकान को बुलडोजर चलवाकर जमींदोज कर दिया।
दोपहर 12 बजे के करीब शुरू हुई ध्वस्तीकरण की कार्रवाई चार घंटे तक चली। इस दौरान भारी पुलिस बल के साथ ही पीएसी के जवान भी मौके पर तैनात रहे। जावेद को एक दिन पहले ही 67 अन्य आरोपियों संग गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। जुमे पर अटाला में हुए बवाल के बाद ही अफसरों ने कह दिया था कि उपद्रवियों और साजिशकर्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
एक दिन पहले ही पीडीए, नगर निगम और राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने मौके पर जाकर जांच पड़ताल की थी और अवैध निर्माण पर कार्रवाई के लिए सूची भी बनाई थी। इसके बाद से ही माना जा रहा था कि आरोपियों के अवैध रूप से बने मकानों, दुकानों व अन्य प्रतिष्ठानों पर बुलडोजर चल सकता है।
रविवार सुबह करीब 11 बजे करेली थाने के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स और पीएसी के जवानों को इकट्ठा किया गया। कुछ देर बाद पुलिस, पीएसी, पीडीए व नगर निगम की टीम जेके आशियाना स्थित उस मोहल्ले में पहुंची, जहां आरोपी जावेद का आलीशान दो मंजिला मकान स्थित था।
अफसरों के साथ दो जेसीबी व एक पोकलैंड मशीन भी थी। ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू करने से पहले घर में मौजूद महिलाओं से घर खाली करने को कहा गया तो उन्होंने विरोध किया। अफसरों ने उन्हें एक घंटे की मोहलत देकर सामान बाहर निकालने को कहा।
मोहलत खत्म होने के बाद करीब 12.15 बजे बुलडोजर व पोकलैंड मशीन से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू हुई। सबसे पहले भूतल पर लगे मुख्य दरवाजे व बाउंड्रीवाल को तोड़ा गया और फिर एक -एक कर मकान के अन्य हिस्सों को ढहाया जाने लगा। करीब तीन घंटे तक कार्रवाई चलने के बाद मकान जमींदोज हो गया। इसके बाद अफसर और पुलिस टीमें वापस लौट आईं।
अफसर बोले, नहीं ली थी अनुमति
- पीडीए अफसरों का कहना है कि मकान का निर्माण अवैध तरीके से किया गया था।
- भूतल व पहले तल पर निर्माण से पहले प्राधिकरण से कोई अनुमति नहीं ली गई थी।
- दावा है कि इस संबंध में भवन स्वामी को बीती 10 मई को ही कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।
- नोटिस में सुनवाई की तिथि 24 मई तय की गई थी लेकिन न भवन स्वामी हाजिर हुआ और न ही कोई अभिलेख उपलब्ध कराए गए।
- 25 मई को भवन ध्वस्तीकरण आदेश जारी हुआ और इसकी एक प्रति मकान पर चस्पा कर आदेश का तामीला कराया गया।
- आदेश में यह भी निर्देशित किया गया था कि नौ जून 2002 तक स्वयं ही भवन ध्वस्त कर प्राधिकरण को सूचित करें।
- निर्देशों के उल्लंघन पर बीते 10 जून को ही ध्वस्तीकरण आदेश जारी हुआ। जिसमें 12 जून को तिथि तय करते हुए सुबह 11 बजे तक मकान खाली करने का आदेश दिया गया था। इसके बाद ही यह कार्रवाई हुई।
एक करोड़ से ज्यादा का नुकसान
जानकारों का कहना है कि रविवार को हुई कार्रवाई में मास्टरमाइंड जावेद को एक करोड़ से ज्यादा की चोट पहुंची है। उसका आलीशान दो मंजिला मकान लगभग 1500 स्क्वॉयर फुट क्षेत्रफल में बना था। जेके आशियाना करेली के उन मोहल्लों में गिना जाता है, जहां जमीन की कीमतें काफी ज्यादा हैं।
वर्तमान की बाजार दरों के हिसाब से यदि कीमत 50 हजार रुपये प्रति वर्ग गज भी मान ली जाए तो केवल जमीन का मूल्य ही 80 लाख से ज्यादा होता है। इसमें निर्माण की लागत जोड़ ली जाए तो कुल मालियत सवा करोड़ के आसपास होगी।
कानूनी प्रक्रिया के मुताबिक की गई कार्रवाई
प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने जावेद पंप के अवैध निर्माण को कानूनी प्रक्रिया केअनुसार ध्वस्त किया है। हमने उपद्रवियों को चिन्हित कर लिया है। सीसीटीवी फुटेज केसहारे उन पर कार्रवाई की जा रही है। शांति व्यवस्था भंग करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।