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जांजगीर-चांपा। छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में बोरवेल में फंसे रहे 11 साल के राहुल साहू को 106 घंटे चले ऑपरेशन के बाद आखिरकार बाहर निकालने में सफलता मिल ही गई। पांच दिनों की कड़ी मशक्कत के  राहुल को बाहर निकाल लिया गया। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम उसे बाहर निकालने के लिए दिन-रात एक किए हुए थी। इस दौरान बोरवेल में राहुल को खतरनाक सांपों से भी सामना हुआ।

रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान राहुल ने लोगों की उम्मीद बनाए रखी। सभी लोग उसकी बहादुरी को सलाम कर रहे हैं। राहुल ने खतरनाक सांपों से भी नहीं डरा और लगातार रेस्क्यू में मदद करता रहा। 106  चले इस ऑपरेशन में चार आईएएस रैंक, दो आईपीएस रैंक के अधिकारी और सेना के जवान सहित 500 अफसर-कर्मचारी शामिल रहे।

इससे पहले देश में किसी बच्चे के लिए इतना लंबे समय और संसाधन के साथ कोई रेस्क्यू ऑपरेशन नहीं हुआ।

ऑपरेशन इसलिए भी मुश्किल रहा क्योंकि राहुल न बोल सकता है और न ही सुन सकता है। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।  गड्ढे के आसपास चट्टानें थीं जिन्हें काटने में काफ़ी लंबा वक्त लगा।

बोरवेल से निकाला गया मासूम
चट्टानों को काटते वक्त अति सावधानी बरती गई थी, ताकि राहुल को किसी तरह का खतरा न हो। उसने 100 घंटे से ज्यादा समय तक जिस तरह जीवन और मौत के बीच संघर्ष किया उसे बड़ा चमत्कार माना जा रहा है।

रविवार सुबह बच्चे में हलचल दिखाई दी थी। इसके बाद उसे जूस भी पीने को दिया गया। वह जूस को पी भी लिया। बच्चे की इस कोशिश ने रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे लोगों की उम्मीदें बना रखी थी। बोरवेल में गिरा राहुल खुद बाल्टी से पानी भरने में मदद कर रहा था। दरअसल, बोरवेल की दीवारों से थोड़ा-थोड़ा पानी रिस रहा था। बच्चा ऊपर से भेजे बाल्टी में पानी भरने में मदद कर रहा था।

इस ऑपरेशन में रोबोटिक्स इंजीनियर की मदद ली गई।  रोबोटिक्स इंजीनियर बच्चे को ट्रेस करने में बड़ी भूमिका निभाई। रोबोटिक्स के जरिए बच्चे की पल-पल की जानकारी सामने आ रही थी।

राहुल के सकुशल बाहर निकलने पर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट किया, "सभी की प्रार्थनाओं और बचाव दल के अथक, समर्पित प्रयासों से, राहुल साहू को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। हमारी कामना है कि वह जल्द से जल्द ठीक हो जाएं।"

जांजगीर-चंपा के पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ने बताया कि बच्चे का नाम राहुल साहू है। वह शुक्रवार दोपहर खेलने के लिए अपने घर के पीछे गया था। लेकिन ध्यान न रहने के कारण वहां खुले बोरवेल में गिर गया। सूचना मिलते ही प्रशासन अलर्ट हो गया। 

बच्चे के पिता लाला राम साहू ने बताया कि यह बोरवेल करीब 80 फीट गहरा है, जो उन्होंने अपने घर के पीछे बने खेत में खुदवाया था। हालांकि, पानी नहीं निकलने पर उसे खुला ही छोड़ दिया गया।