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नई दिल्ली। भारत ने सशक्त, समृद्ध व एकीकृत आसियान के निर्माण के लिए अपना पूरा समर्थन देने का वादा किया है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आसियान के 10 देशों के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही। यह संगठन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में पूरी तरह से मान्यता प्राप्त प्रभावशाली समूह है। 

आसियान विदेश मंत्रियों की दिल्ली में आयोजित दो दिनी बैठक को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि एक बेहतर कनेक्टेड भारत और आसियान विकेंद्रीकृत वैश्वीकरण और लचीले तथा विश्वसनीय आपूर्ति तंत्र को बढ़ावा देने में कामयाब होगा। दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के संगठन (आसियान) को इस क्षेत्र के सबसे प्रभावशाली समूहों में से एक माना जाता है। इसमें भारत, अमेरिका, चीन, जापान और ऑस्ट्रेलिया सहित कई अन्य देश इसके संवाद भागीदार हैं।

कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए जयशंकर ने कहा कि यह पूरी तरह अब भी खत्म नहीं हुई है। हमें अभी मिलकर लंबा रास्ता तय करना है और महामारी के पश्चात रिकवरी करना है। विदेश मंत्री ने कहा कि भू-राजनीतिक समस्याओं के कारण महामारी से जूझना और कठिन हो गया है। हमें उसका सामना यूक्रेन के घटनाक्रम, खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा के साथ-साथ उर्वरक और अन्य वस्तुओं की कीमतों तथा रसद आपूर्ति पर प्रभाव से निपटते हुए करना है। 

उन्होंने कहा कि भारत-आसियान संबंधों को उस दुनिया को जवाब देना चाहिए, जिसका हम सामना करते हैं। आसियान हमेशा क्षेत्रवाद, बहुपक्षवाद और वैश्वीकरण के प्रतीक के रूप में खड़ा रहा है। जयशंकर ने कहा कि आसियान ने इस क्षेत्र में अपने लिए सफलतापूर्वक मुकाम पाया है। इसने हिंद-प्रशांत में रणनीतिक और आर्थिक आधार विकसित करने की बुनियाद रखी है। उन्होंने कहा कि भू-राजनीतिक चुनौतियों और दुनिया के सामने मौजूद अनिश्चितताओं को देखते हुए आज आसियान की भूमिका शायद पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।

पीएम मोदी से मिले आसियान विदेश मंत्री
आसियान देशों के विदेश मंत्रियों ने आज पीएम मोदी से मुलाकात की। उन्होंने दोनों पक्षों के बीच जारी सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। ये विदेश मंत्री दो दिनी सम्मेलन में भाग लेने दिल्ली आए हैं। भारत इसकी मेजबानी कर रहा है। यह सम्मेलन 10 देशों के समूह के साथ भारत के रिश्तों की 30 वीं वर्षगांठ के मौके पर हो रहा है। मुलाकात के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि आसियान देशों के विदेश मंत्रियों और प्रतिनिधियों के साथ अच्छी बातचीत हुई। हम भारत-आसियान के बीच 30 साल के नजदीकी सहयोग का जश्न मना रहे हैं।

भारत आसियान दोस्ती में मिल का पत्थर
विदेश मंत्रालय के प्रवक्त अरिंदम बागची ने ट्वीट कर कहा कि भारत-आसियान दोस्ती ने एक नया मील का पत्थर पार किया है। आसियान से हमारे संवाद संबंधों के 30 साल और संगठन से हमारी सामरिक साझेदारी के 10 साल पूरे हो गए। इसे यादगार बनाने के लिए भारत विशेष आसियान-भारत विदेश मंत्रियों की बैठक (एसएआईएफएमएम) की मेजबानी कर रहा है। बैठक के सहभागियों ने आज सुबह पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस मुलाकात के वक्त राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर मौजूद थे।

आसियान में 10 देश और भारत का संगठन से नाता
आसियान के 10 देशों में इंडोनेशिया, थाईलैंड, वियतनाम, लाओस, ब्रुनेई, फिलीपींस, सिंगापुर, कंबोडिया, मलेशिया और म्यांमार शामिल हैं। आसियान से भारत के संवाद संबंध 1992 में क्षेत्रीय साझेदारी की स्थापना के साथ शुरू हुए थे। ये दिसंबर 1995 में पूर्ण संवाद साझेदारी में और 2002 में शिखर स्तर की साझेदारी में परिवर्तित हुए। इन्हें 2012 में संबंधों के एक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया गया था।