ब्रुसेल्स। भारत के स्वादिष्ट व रसीले आमों को यूरोपीय देशों के बाजारों में भी बड़े पैमाने पर पहुंचाने के प्रयास तेज हो गए हैं। इस बाजार में भारतीय आमों को बढ़ावा देने के इरादे से बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स में 'मैंगो फेस्टिवल' का आयोजन किया गया है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को इसका शुभारंभ किया। अभी बेल्जियम में आम लैटिन अमेरिकी देशों से पहुंचते हैं।
इस मौके पर गोयल ने यूरोपीय संघ व भारत के बीच मुक्त व्यापार वार्ता (एफटीए) का जिक्र करते हुए कहा कि इसकी शुरुआत 'मैंगो मैनिया' के साथ ही हुई थी। हालांकि, एफटीए को 2013 में रोक दिया गया था, हमने अब फिर से ये पहल की है। यह वार्ता औपचारिक रूप से फिर से शुरू की जाएगी।
भारत से आम का बड़े पैमाने पर निर्यात होता है, लेकिन यह खासकर मध्य पूर्व व अरब देशों में ही जाता है। बेल्जियम, लक्जबर्ग व यूरोपीय संघ EU के भारतीय राजदूत संतोष झा का कहना है कि यहां के बाजार में भारतीय आमों के लिए अपार संभावना है। झा ने कहा कि बेल्जियम में पहले मैंगो फेस्टिवल के आयोजन का उद्देश्य लोगों को इसका स्वाद चखना है।
बेल्जियम को यूरोप की राजधानी माना जाता है। यहां ईयू के सभी संगठनों के दफ्तर हैं। इसके शुभारंभ के मौके पर केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल का मौजूद रहना सुखद संयोग है। मुझे इस बात की खास खुशी है कि मैंगो फेस्टिवल में प्रदर्शित किए गए अधिकांश आम मेरे गृह राज्य बिहार के हैं। मैंने भी कई सालों बाद इनका लुत्फ लिया है।
भारतीय दूतावास में कृषि व मरीन उत्पादों की सलाहकार डॉ. स्मिता सिरोही ने बताया कि यूरोप में ब्रिटेन व जर्मनी में भारतीय बाजार हैं। बेल्जियम में मैंगो फेस्टिवल आयोजित करने का विचार यूरोपीय बाजारों में भारतीय आमों को प्रदर्शित करना है। बेल्जियम में ज्यादातर आम लैटिन अमेरिकी देशों से आ रहे हैं।
सात किस्मों के आम प्रदर्शित किए गए
ब्रुसेल्स में आयोजित आम प्रदर्शनी में भारतीय आमों की सात किस्मों को प्रदर्शित किया गया है। आंध्र प्रदेश के बंगनपल्ली, उत्तर प्रदेश के मलिहाबाद दशहरी, ओडिशा के आम्रपाली, के अलावा लक्ष्मण भोग, हिमसागर, जर्दालु आम, लंगड़ा आम और 12 जीआई-टैग उत्पाद पेश किए गए हैं।