मुंबई। महाराष्ट्र में राजनैतिक महाभारत के बीच एक और दूसरा सबसे बड़ा संकट सामने आ सकता है। उसी संकट को लेकर के तमाम सुरक्षा एजेंसियां ना सिर्फ अलर्ट हुई हैं बल्कि बैठकों का दौर भी शुरू हो चुका है। दरअसल यह संकट कुछ और नहीं बल्कि शिवसेना के विधायकों की उठापटक के बीच कानून व्यवस्था को लेकर के खड़ा हुआ है। खासतौर से तब जब शिवसेना के आलाकमान से जुड़े नेताओं ने आसाम के विधायकों को मुंबई आने पर देख लेने की चेतावनी भी जारी की है। खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र में ऐसे ही हालात रहे तो कानून व्यवस्था का भी संकट खड़ा हो सकता है।
मुस्तैद हुई मुंबई पुलिस
महाराष्ट्र में चल रहे हाई वोल्टेज पॉलिटिकल ड्रामे की राजनीतिक चुनौतियों के साथ-साथ दी जाने वाली धमकियों से कानून व्यवस्था का संकट खड़ा हो सकता है। बागी विधायकों को लेकर शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत कहते हैं कि उन्होंने अपने सभी विधायकों को मुंबई लौटने का आमंत्रण दिया था। उनका कहना है वह चाहते हैं कि सदन के पटल पर शक्ति प्रदर्शन हो। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि हमने अपने सभी विधायकों को मुंबई वापस आने का न्योता दिया था।
अब हम उन्हें मुंबई आने की चुनौती दे रहे हैं। शिवसेना के नेताओं की ओर से इस बात का भी जिक्र किया गया है कि अभी शिवसेना के कार्यकर्ता बागी विधायकों के खिलाफ सड़कों पर नहीं उतरेंगे। नेताओं का कहना है कि कार्यकर्ताओं के सड़कों पर उतरने का विकल्प भी खुला हुआ है।
शिवसेना के नेताओं के इस बयान के बाद महाराष्ट्र पुलिस न सिर्फ सक्रिय हुई है, बल्कि केंद्रीय जांच एजेंसियां ने इस पूरे मामले पर नजर बना ली है। खुफिया जांच एजेंसी से जुड़े महाराष्ट्र के एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि फिलहाल अभी कोई ऐसी स्थिति तो नजर नहीं आ रही है जिसमें कानून व्यवस्था बिगड़ रही हो। लेकिन पुलिस बल इस पूरे मामले में न सिर्फ मुस्तैद है बल्कि पल-पल का अपडेट भी आला अधिकारियों तक पहुंचाया जा रहा है।
आदेश का इंतजार कर रहे हैं शिव सैनिक
सूत्रों के मुताबिक़ महाराष्ट्र के कुछ बड़े जिलों की इकाइयों से जुड़े शिवसेना के पदाधिकारियों ने मुंबई में शिवसेना के बड़े नेताओं से संपर्क कर राजनीतिक घटनाक्रम पर अगले आदेश के लिए संपर्क भी किया है। पुणे शिवसेना इकाई से जुड़े एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि जिस तरीके से महाराष्ट्र में शिवसेना से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे विधायकों का व्यवहार सामने आया है, वह सिर्फ आंदोलन से ही शांत हो सकता है।
उनका कहना है इसके लिए शिव सैनिक अपने शिव सेना सुप्रीमो और आलाकमान के निर्देश पर सड़कों पर भी उतरने को तैयार हैं। शिवसेना के नेता संजय राउत के सड़क पर उतरने वाले बयान के बाद से महाराष्ट्र के अलग-अलग जिलों की शिवसेना इकाइयों और उनसे जुड़े शिव सैनिकों की बैठकों का दौर शुरू हो चुका है। शिवसेना से जुड़े सूत्रों का कहना है कि वह अगले आदेश का इंतजार कर रहे हैं।
दरअसल महाराष्ट्र में पैदा हुए राजनीतिक संकट के दौरान पहले तो शिवसेना के नेता असम में बैठे बागी विधायकों को महाराष्ट्र आने के लिए कहते रहे। जब मामला नहीं बना तो शिवसेना के नेताओं ने उन विधायकों को मुंबई आने की चेतावनी भरे लहजे में बुलाना शुरू किया। इसके अलावा एनसीपी के नेता शरद पवार को लेकर के भी संजय राउत ने भाजपा के नेता पर धमकी देने का आरोप लगाया।
असम के होटल में मौजूद शिवसेना के विधायक ने बताया कि फिलहाल मामला तो राजनैतिक है, लेकिन जिस तरीके से महाराष्ट्र से धमकी मिल रही है उससे कानून व्यवस्था बिगड़ने का भी खतरा पैदा हो सकता है। हालांकि उक्त विधायक का कहना है कि राजनीति में किसी भी तरीके की उग्रता की कोई भी जगह नहीं होती है। इसलिए न तो वह और न ही उनके नेता शिवसेना के किसी भी नेता की धमकी से डरने वाले हैं।