0 फ्लोर टेस्ट में शामिल न होने वाले विधायकों को कांग्रेस ने भेजा नोटिस
मुंबई। महाराष्ट्र में शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे को एक और बड़ा झटका लगा है। ठाणे नगर निगम में शिवसेना के 67 पार्षदों में से 66 ने एकनाथ शिंदे कैंप ज्वाइन कर लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बुधवार देर रात सभी बागी पार्षदों ने एकनाथ शिंदे से उनके आवास पर मुलाकात की। महाराष्ट्र में बृहन्मुंबई नगर निगम के बाद ठाणे नगर निगम दूसरा सबसे अहम नगर निगम है। दावा ये भी किया जा रहा है कि शिवसेना के 18 में से 12 सांसद जल्द ही शिंदे गुट में शामिल हो सकते हैं।
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के 55 में से 39 विधायकों ने पार्टी से बगावत कर दी थी। शिंदे बागी विधायकों को लेकर पहले सूरत गए फिर गुवाहाटी और बाद में कुछ दिन विधायक गोवा में रहे। जब 30 जून को शिंदे ने राज्य के सीएम पद की शपथ ले ली तो सभी विधायक 11 दिन बाद मुंबई वापस लौटे।
कांग्रेस ने विधायकों को नोटिस भेजा
महाराष्ट्र कांग्रेस ने फ्लोर टेस्ट में शामिल न होने वाले 11 विधायकों को नोटिस भेजा है। नोटिस में कांग्रेस ने पूछा कि आप फ्लोर टेस्ट में शामिल क्यों नहीं हुए थे। फ्लोर टेस्ट में जिन कांग्रेस विधायकों ने वोट नहीं दिया, उनमें अशोक चव्हाण, प्रणति शिंदे, जितेश अंतापुरकर, विजय वडेट्टीवार, जीशान सिद्दीकी, धीरज देशमुख, कुणाल पाटिल, राजू अवले, मोहन हम्बर्दे,शिरीष चौधरी के नाम शामिल हैं।
शिंदे सरकार का कैबिनेट विस्तार जल्द
महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे जल्द अपना कैबिनेट विस्तार कर सकते हैं। इसको लेकर मुंबई से लेकर दिल्ली तक सियासी चर्चा शुरू हो गई है। सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट में करीब 45 मंत्री बनाए जा सकते हैं। इनमें 25 भाजपा कोटे से, 13 शिंदे कोटे से और 7 निर्दलीय विधायकों को शामिल किया जा सकता है।
29 जून को उद्धव ने इस्तीफा दे दिया
इस बीच राज्यपाल ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सदन में बहुमत साबित करने का आदेश दिया था। शिवसेना इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई थी, लेकिन वहां से राहत नहीं मिली। इसके बाद 29 जून को उद्धव ठाकरे ने सीएम के पद से इस्तीफा दे दिया।
बागी विधायकों पर 11 जुलाई को होगी अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एकनाथ शिंदे की याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में बागी विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने और डिप्टी स्पीकर नरहरि जरवाल की भूमिका पर सवाल उठाए गए थे। अदालत ने शिंदे गुट, महाराष्ट्र सरकार और शिवसेना की दलीलें सुनीं। इसके बाद कोर्ट ने विधायकों को अयोग्य ठहराने वाले डिप्टी स्पीकर के नोटिस पर जवाब देने के लिए 11 जुलाई तक का वक्त तय किया। अगली सुनवाई भी इसी दिन होगी। यह शिंदे गुट के लिए राहतभरा रहा।