नई दिल्ली। भारत, इजराइल, अमेरिका और यूएई के नए समूह I2U2 की गुरुवार को पहली वर्चुअल बैठक हुई। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि आज की इस पहली समिट से ही I2U2 ने एक सकारात्मक एजेंडा स्थापित कर लिया है। हमनें कईं क्षेत्रों में जॉइंट प्रोजेक्ट की पहचान की है और उनमें आगे बढ़ने का रोडमैप भी बनाया है।
सदस्य देश I2U2 फ्रेमवर्क के तहत जल, ऊर्जा, परिवहन, स्वास्थ्य, स्पेस और फूड सिक्योरिटी के लिए 6 महत्वपूर्ण क्षेत्रों में जॉइंट इन्वेस्टमेंट बढ़ाने के लिए सहमत हुए हैं। बढ़ती हुई वैश्विक अनिश्चिताओं के बीच हमारा कॉपरेटिव फ्रेमवर्क व्यावहारिक सहयोग का एक अच्छा मॉडल है। मुझे पूरा विश्वास है कि I2U2 से हम वैश्विक स्तर पर ऊर्जा सुरक्षा, फूड सिक्योरिटी और आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण योगदान करेंगे।
जो बाइजेन ने साधा रूस पर निशाना
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि आज हम जिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं उनमें तेजी से जलवायु संकट या बढ़ती फूड सिक्योरिटी शामिल है। यूक्रेन के खिलाफ रूस के हमले ने अस्थिर बाजारों को और भी बदतर बना दिया है।
हमारा लक्ष्य निजी बाजार को भागीदार बनाना
इजराइल के प्रधानमंत्री यायर लापिड ने कहा कि हमारा लक्ष्य निजी बाजार को भागीदार बनाना है। 4 अलग-अलग देश होने के बावजूद यह स्पष्ट है कि हम सभी एक ही चीज चाहते हैं जिसमें बुनियादी ढांचे का विकास, बच्चों के लिए क्वालिटी शिक्षा शामिल है और पर्यावरण को होने वाले नुकसान को कम करना है
इस समूह में भारत की अहमियत
इस समूह में I2 इंडिया और इजराइल के लिए, जबकि U2 अमेरिका और UAE के लिए इस्तेमाल किया गया है। भारत हाइटेक और सबसे ज्यादा मांग वाले उत्पादों का भी बड़ा प्रोड्यूसर है। तकनीक, कारोबार, पर्यावरण, कोविड और सुरक्षा ऐसे क्षेत्र हैं, जिसमें चारों देश मिलकर काम कर सकते हैं।
क्या I2U2 वेस्टर्न एशिया का Quad है ?
अक्टूबर 2021 में भारत-इजराइल-अमेरिका-यूएई के बीच समुद्री सुरक्षा, बुनियादी ढांचे, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और परिवहन जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हुई थी। उस वक्त, चर्चा की एक बड़ी वजह इजराइल और UAE के बीच अच्छे संबंध बनाना था। भारत में UAE के राजदूत ने तब इस नए गट को ‘वेस्टर्न Quad’ बताया था।