0 वर्ष 2013 में थाना खमतराई में दर्ज किया गया था टेरर फण्डिंग का अपराध
0 प्रकरण में पूर्व में 5 आरोपी धीरज साव, जुबैर हुसैन, आयशा बानो, पप्पू मण्डल एवं राजू खान को किया जा चुका है गिरफ्तार
0 प्रकरण में आरोपी धीरज साव, जुबैर हुसैन एवं आयशा बानो को 10 वर्ष कारावास की सजा सुनाई गई है
रायपुर। रायपुर की पुलिस ने टेरर फंडिंग मामले में 9 साल से फरार एक आरोपी को झारखंड के देवघर से गिरफ्तार किया है। मूलत:बिहार के जमुई का रहने वाला यह शातिर कुछ वक्त पहले छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में रहता था। यहां रहकर वह सिमी और इंडियन मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठन के आतंकियों रुपए ट्रांसफर करता था। इस मामले में वर्ष 2013 में खमतराई थाना में अपराध दर्ज हुआ था। प्रकरण में 5 आरोपी धीरज साव, जुबैर हुसैन, आयशा बानो, पप्पू मंडल व राजू खान को गिरफ्तार किया जा चुका है। प्रकरण में आरोपी धीरज साव, जुबैर हुसैन व आयशा बानो को 10 साल कारावास की सजा सुनाई गई है।
पकड़े गए शख्स का नाम श्रवण मंडल (41) है। श्रवण का मौसेरा भाई धीरज रायपुर में रहकर फास्ट फूड का ठेला चलाता था। साल 2013 में धीरज पाकिस्तानी कनेक्शन की वजह से पकड़ा गया था । दरअसल वे अपने मौसेरे भाई श्रवण का ही साथ दे रहा था। पाकिस्तान से डायरेक्ट लिंक रखते हुए फंडिंग का काम श्रवण किया करता था। जब पुलिस ने 2013 में धरपकड़ की थी तब श्रवण फरार हो गया था।
पुलिस के मुताबिक धीरज साव निवासी ट्रांसपोर्ट नगर खमतराई जो चिकन ठेला लगाता था, वह पाकिस्तान के किसी खालिद नामक व्यक्ति से जुड़ा है। इन लागों के द्वारा आतंकवादी संगठन सिमी इंडियन मुजाहीद्दीन के लोगों को पैसा बैंक के माध्यम से भेजा जाता था। सूचना पर दबिश देकर धीरज साव को पकड़ा और उससे बारिकी से पूछताछ करने पर बताया कि वह मूलतः ग्राम छुट्टू धनवा थाना जमू जिला जमुई बिहार का रहने वाला है और विगत 02 वर्षो से रायपुर में रहा है। वर्ष 2011 में पाकिस्तान से खालिद नामक व्यक्ति के मोबाईल नंबर 923326704863 से फोन आया और कहा कि तुमको पैसा कमाना है तो हमारे साथ जुड़ो, हम जैसा बोलेंगे वैसा करना पड़ेगा तो तुम लाखों रूपए कमा लोगे। इसलिए क्या करना पड़ेगा जिस पर उसने आई.सी.आई.सी.आई. बैंक में एकाउंट खुलवाने कहा। इस बात की जानकारी धीरज द्वारा अपने मौसेरे भाई श्रवण मण्डल को दिया और कहा तुम जुड़ जाओ बहुत पैसा मिलेगा मैं उसके साथ जुड़ा हुआ हूं। जिससे श्रवण मण्डल सरस्वती नगर आई.सी.आई.सी.आई. बैंक में एकाउंट खुलवाया एवं इसकी जानकारी पाकिस्तानी खालिद को दिया। खालिद ने उससे कहा कि वह इस एकाउंट में जितना भी पैसा डलवाएगा उसका 13 प्रतिशत हिस्सा काटकर बाकी पैसा राजू खान, जुबैर हुसैन एवं आयशा बानो के एकाउंट में डलवाने के साथ ही उसके बताए अन्य एकाउंट में डाल देना कहा। जिस पर श्रवण कुमार मण्डल के आईसीआईसीआई बैंक खाता में अलग - अलग तिथियों में लाखो रूपये जमा कराया गया। श्रवण कुमार मण्डल जमा रकम से 13 प्रतिशत काटकर जुबैर हुसैन, राजू खान एवं आयशा बानो प्रतिबंधित संगठन सिमी एवं इंडियन मुजाहीद्दीन के खातों सहित अन्य खातो में जमा किया। वर्तमान में धीरज साव, जुबैर हुसैन एवं आयशा बानो रायपुर केन्द्रीय जेल में निरूद्ध है जिनको माननीय न्यायालय द्वारा 10 वर्ष कारावास की सजा सुनाई गई है तथा प्रकरण में पप्पू मण्डल एवं राजू खान को भी गिरफ्तार किया जा चुका है।
प्रकरण में आरोपी श्रवण कुमार मण्डल वर्ष 2013 से लगातार फरार था, इसी दौरान श्रवण कुमार मण्डल के संबंध में जानकारी प्राप्त हुई कि वह सिमी इंडियन मुजाहीद्दीन का सदस्य है। आरोपी श्रवण कुमार मण्डल मूलतः जमुई बिहार का निवासी है जो दिल्ली में रहकर सिमी इंडियन मुजाहीद्दीन संगठन के पैसों का लेन-देन में सहयोग करता था। आरोपी धीरज साव एवं अन्य आरोपियों के पुलिस गिरफ्त में आने की जानकारी श्रवण कुमार मण्डल को प्राप्त होने पर वह दिल्ली से कहीं अन्यत्र फरार हो गया था जिसकी पतासाजी के हरंसभव प्रयास किये जा रहे थे।
वर्तमान में रायपुर पुलिस की टीम द्वारा आरोपी श्रवण कुमार मण्डल के झारखण्ड के देवघर में उपस्थिति के संबंध में जानकारी प्राप्त हुई। जिस पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री प्रशांत अग्रवाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर सुखनंदन राठौर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अपराध अभिषेक माहेश्वरी, नगर पुलिस अधीक्षक उरला विश्व दीपक त्रिपाठी के मार्गदर्शन व नेतृत्व में एण्टी क्राईम एवं सायबर यूनिट, चैकी रामनगर (थाना गुढ़ियारी), थाना उरला तथा ए.टी.एस. की संयुक्त टीम झारखण्ड के देवघर रवाना होकर आरोपी की पतासाजी करना प्रारंभ किया गया। टीम के सदस्यों द्वारा आरोपी श्रवण कुमार मण्डल के निवास स्थान की जानकारी प्राप्त कर उस स्थान के आसपास लगातार कैम्प करते हुए हुलिया एवं वेश भूषा बदलकर छद्म रूप धारण करते हुए रेकी किया गया एवं मौका पाकर टीम के सदस्यों द्वारा आरोपी श्रवण कुमार मण्डल को गिरफ्तार करने में सफलता मिली।
स्लीपर सेल की तरह काम
रायपुर पुलिस को सबूत मिले हैं कि श्रवण ने भारतीय लोगों के नाम पर ICICI बैंक में खाते खुलवाए। पाकिस्तान से आने वाली रकम को इन खातों के जरिए आतंकियों के काम करने वाले दूसरे लोगों का भेजा करता था। ये रकम आतंकी संगठन सिमी और इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े लोग इस्तेमाल करते थे। श्रवण एक तरह से दोनों आतंकी संगठनों के लिए स्लीपर सेल की तरह काम किया करता था, वो आम लोगों के बीच आम मजदूरी वगैरह करके जिंदगी बिता रहा था, मगर इसके संबंध पाकिस्तानी आकाओं से थे।
पाकिस्तान से आया था फोन
पाकिस्तान में रहने वाले खालिद नाम के शख्स ने श्रवण को फोन किया था। उसके कहा था कि बैंक में खाते खुलवाओ, तुम्हें भी पैसे कमाने का मौका मिलेगा। खाते में आने वाली रकम का 13% कमीशन काटकर बाकी के पैसे राजू खान, जुबैर हुसैन और आयशा बानो नाम के लोगों के अकाउंट में ट्रांसफर करने हैं। श्रवण और इसका भाई धीरज साव ही बताए गए खातों में रकम ट्रांसफर करता था।
2 साथी पिछले साल पकड़े गए थे
एनआईए को भी इसके सबूत मिले थे कि ये पैसे सिमी और इंडियन मुजाहिदीन के आतंकियों तक पहुंच रहे हैं। साल 2013 में धीरज की गिरफ्तारी रायपुर में हुई थी। इसके मौसेरे भाई श्रवण की तभी से तलाश जारी थी। इस केस में धीरज, जिनके खातों में रकम जाती थी। उनमें मैंगलोर के रहने वाले जुबैर और आयशा का नाम शामिल था। पप्पू मंडल और राजू खान को पिछले साल गिरफ्तार किया गया था।