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नई दिल्ली।  भारत के 15वें राष्ट्रपति के रूप में द्रौपदी मुर्मू 25 जुलाई को शपथ लेंगी।  नव निर्वाचित राष्ट्रपति शपथ ग्रहण समारोह संसद भवन के सेंट्रल हॉल में होगा। राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को मात दे दी हैं। सदस्यों के समारोह में भाग लेने की सुविधा के लिए उस दिन राज्य सभा की बैठक सुबह 11 बजे के बजाय दोपहर 2 बजे होगी।
 
निर्वाचन आयोग ने जारी किया प्रमाण पत्र
द्रौपदी मुर्मू की जीत के बाद निर्वाचन आयोग (EC, ईसी) ने राष्ट्रपति पद के चुनाव में जीत हासिल करने वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को शुक्रवार को ‘निर्वाचन संबंधी प्रमाण पत्र' जारी किया। बता दें, निर्वाचन अधिकारी द्वारा आयोग को परिणाम सौंपे जाने के बाद प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। इसके बाद यह प्रमाण पत्र केंद्रीय गृह सचिव को भेजा जाएगा, जो इसे भारत के 15वें राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में पढ़ेंगे। 

जगदीप धनखड़ ने की द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात
दिल्ली में शुक्रवार को भाजपा के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ अपनी पत्नी सुदेश धनखड़ के साथ निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के आवास पर उनसे मिलने के लिए पहुंचे।

24 जुलाई को इस्वोतीफा देंगे राष्ट्रपति कोविंद
गौरतलब है कि वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल खत्म हो रहा है। 24 जुलाई को वो राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देंगे। इससे पहले आज यानी शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को विदाई भोज दे रहे हैं। इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की बात करें तो देश के बतौर 14वें राष्ट्रपति उन्होंने भी 25 जुलाई 2017 को शपथ ग्रहण किया था। 

25 जुलाई को कई राष्ट्रपतियों ने लिया है शपथ  
राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण के इतिहास में 25 जुलाई का खासा महत्व है। देश के करीब 9 राष्ट्रपतियों ने 25 जुलाई को पद की शपथ ली है। उससे पहलवे 13वें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी 25 जुलाई को ही शपथ ग्रहण किया था। देश के छठे राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने भी 25 जुलाई को ही शपथ लिया था। हालांकि, 25 जुलाई को शपथ लेना कोई नियम नहीं है, लेकिन यह परंपरा चली आ रही है। इसी परंपरा के तहत द्रौपदी मुर्मू 25 जुलाई को शपथ ले रही हैं।

राष्ट्रपति चुनाव में 13 राज्यों में क्रॉस वोटिंग, 17 विपक्षी सांसद भी मुर्मू के फेवर में
देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनने जा रहीं द्रौपदी मुर्मू के चेहरे के आधार पर भाजपा ने विपक्षी एकता में बड़ी सेंधमारी की है। मुर्मू के पक्ष में 13 राज्यों के 119 विधायकों के क्रॉस वोटिंग करने का दावा किया जा रहा है। खास तौर पर उन राज्यों में क्रॉस वोटिंग ज्यादा हुई है, जहां पर कांग्रेस सत्ता पक्ष या विपक्ष में है। इसके अलावा 17 सांसदों ने भी इस राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग की है।

2022, 2023 और 2024 में होने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव के संदर्भ में कांग्रेस के लिए यह खतरे की घंटी है। दिलचस्प यह है कि मुर्मू की जीत के जश्न को भाजपा जिस तरह से देशभर में मना रही है, यह भी एक बड़ा राजनीतिक मैसेज है।

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