0 कहा- हमनें एनडीए छोड़ दिया है; राजभवन पहुंचकर नई सरकार बनाने का दावा पेश किया
पटना। बिहार में 5 साल बाद फिर से नीतीश कुमार की पार्टी जदयू और भाजपा के बीच गठबंधन टूट गया है। मुख्यमंत्री आवास पर जदयू के सांसदों और विधायकों की मीटिंग में इसकी घोषणा की गई है। सूत्रों के मुताबिक जदयू की मीटिंग में नीतीश कुमार ने कहा कि भाजपा हमेशा हमें कमजोर करने की कोशिश की। भाजपा ने मुझे अपमानित किया। 2013 से लेकर अब तक भाजपा ने सिर्फ धोखा ही दिया।
जदयू की मीटिंग के बाद नीतीश कुमार सीधे राजभवन पहुंचे, जहां उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल फागू चौहान को सौंपा। नीतीश ने इसी के साथ सरकार बनाने का दावा किया। उन्होंने 160 विधायकों का समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंपा है।
राजभवन के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि सभी विधायकों और सांसदों ने एक स्वर में एनडीए गठबंधन से बाहर रहने का सुझाव दिया, जिसके बाद हमने इस्तीफा दे दिया है।
नीतीश होंगे महागठबंधन के मुख्यमंत्री : कांग्रेस
कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान ने कहा है कि नीतीश कुमार महागठबंधन के मुख्यमंत्री होंगे। सब कुछ तय हो गया है। सूत्रों के मुताबिक तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम होंगे। कांग्रेस को स्पीकर की कुर्सी मिल सकती है।
फ्लोर टेस्ट के लिए पहले से ही तैयारी
गठबंधन टूटने के बाद नीतीश कुमार अब फ्लोर टेस्ट कराने की भी तैयारी में हैं। सूत्रों के अनुसार सभी विधायकों को पटना में अगले 72 घंटों तक रहने का निर्देश दिया गया है। JDU के पास बिहार विधानसभा में 45 विधायक हैं।
राजद-माले के 14 विधायकों की सदस्यता पर संकट
पिछले वर्ष बजट सत्र में विधानसभा में हुए भारी हंगामे और विपक्षी विधायकों की ओर से स्पीकर विजय कुमार सिन्हा के साथ किए गए दुर्व्यवहार मसले पर विधानसभा की आचार समिति की सिफारिश के आधार पर 14 विधायकों की सदस्यता पर तलवार लटकी हुई है। राज्य में जारी सियासी गतिविधि के बीच इस मसले पर भी फैसले लिए जाने की आशंका जताई जा रही है। दरअसल, आचार समिति की सिफारिश अभी स्पीकर के स्तर पर विचाराधीन है। उस रिपोर्ट में क्या कार्रवाई की अनुशंसा की गई है यह सदन में पेश होने पर ही पता चलेगा, पर सूत्रों की मानें तो 14 आरोपी विधायकों की सदस्यता जाने का खतरा बरकरार है।