नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को जगदीप धनखड़ को 14वें उप राष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाई। राष्ट्रपति भवन में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई नेता मौजूद रहे। शपथ ग्रहण से पहले श्री धनखड़ ने सुबह राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी।
6 अगस्त को हुए उप राष्ट्रपति के चुनाव में धनखड़ ने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराया था। धनखड़ को कुल 725 में से 528 वोट मिले थे, जबकि अल्वा को 182 वोट मिले।
18 मई 1951 को झुंझुनू जिले में साधारण किसान परिवार में पैदा हुए जगदीप धनखड़ की शुरुआती शिक्षा गांव में हुई। इसके बाद, उन्होंने सरकारी मिडिल स्कूल, घरधाना और सैनिक स्कूल, चित्तौड़गढ़ में शिक्षा प्राप्त की। अपनी कॉलेज की शिक्षा के लिए, श्री धनखड़ ने महाराजा कॉलेज, जयपुर में प्रवेश लिया और बी.एससी. (ऑनर्स) भौतिकी की परीक्षा पास की। इसके बाद, उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से कानून में डिग्री हासिल की। उन्होंने एक वकील के रूप में अपना पेशेवर करियर शुरू किया।
श्री धनखड़ 1989 में झुंझुनू संसदीय क्षेत्र से संसद के लिए चुने गए थे। इसके बाद, उन्होंने 1990 में संसदीय मामलों के राज्य मंत्री के रूप में भी कार्य किया। जुलाई 2019 में श्री धनखड़ को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया था।
राज्यसभा के पदेन सभापति होते हैं उप राष्ट्रपति
भारत के उप राष्ट्रपति उच्च सदन राज्यसभा के पदेन सभापति भी होते हैं। यानी राज्यसभा की कार्यवाही चलाने का जिम्मा भी उन्हीं पर होती है। धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक का होगा।
बंगाल के राज्यपाल रह चुके हैं उप राष्ट्रपति
70 साल के जगदीप धनखड़ को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 30 जुलाई 2019 को बंगाल का 28वां राज्यपाल नियुक्त किया था। वे 1989 से 1991 तक राजस्थान के झुंझुनू से लोकसभा सांसद रहे। 1989 से 1991 तक वीपी सिंह और चंद्रशेखर की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे।