रायपुर/रांची। झारखंड के राजनीतिक संकट का नया अध्याय छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में शुरू हो गया है। मंगलवार देर शाम झारखंड मुक्ति मोर्चा-कांग्रेस गठबंधन के 32 विधायक रायपुर लाए गए हैं। इनमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कुछ मंत्री शामिल नहीं हैं। मुख्यमंत्री इन विधायकों को राजनीतिक बाड़ेबंदी के तहत नवा रायपुर के एक होटल-रिसॉर्ट में ठहराया गया है। बताया जा रहा है कि झारखंड सरकार पर संकट टलने के बाद ही इन विधायकों को रांची वापस ले जाया जाएगा। यानी अगले कुछ दिनों तक सरकार तो रांची में रहेगी लेकिन बहुमत रायपुर में हाेगा। विधायकों के रायपुर पहुंचने के बाद सीएम भूपेश बघेल रात में मेफेयर पहुंचकर विधायकों से मुलाकात की है और हालात पर चर्चा की।
ऑफिस ऑफ प्राफिट के एक मामले में निर्वाचन आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की है। राज्यपाल रमेश बैस ने इस सिफारिश पर अभी कोई फैसला नहीं लिया है। इसकी वजह से वहां राजनीतिक संकट गहरा गया है। महागठबंधन को आशंका है कि भाजपा उनके विधायकों को हॉर्स ट्रेडिंग के जरिए तोड़ने की कोशिश कर रही है। इसकी वजह से सभी विधायकों को एक साथ रखने की जरूरत बढ़ गई है। झारखंड के विधायकों के छत्तीसगढ़ आने की खबर चार दिन पहले ही हवा में है। लेकिन महागठबंधन के नेता इसे टालते रहे। उन्हें लग रहा था कि एक-दो दिन में राज्यपाल अपना रुख साफ कर देंगे और कोई बड़ा बदलाव नहीं आएगा। विधानसभा सदस्यता रद्द भी होती है तो मुख्यमंत्री कम से कम छह महीने तक अपने पद पर बने रह सकते हैं। लेकिन सरकार पर कोई संकट नहीं होगा। सोमवार का दिन बीत जाने के बाद सरकार की चिंता बढ़ी। मंगलवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सभी विधायकों को बाहर जाने की तैयारी के साथ मुख्यमंत्री निवास बुलाया। बताया गया कि झामुमो की ओर से एक विशेष हवाई जहाज रांची एयरपोर्ट पर बुलाया गया है। दोपहर बाद विधायकों का मुख्यमंत्री निवास पहुंचना शुरू हो गया था। शाम को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सभी विधायकों को एक बस में लेकर रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पहुंचे। वहां विधायकों को रवाना कर वे और उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगी वापस लौट गए। ठीक 5.40 बजे झारखंड के विधायकों का हवाई जहाज रायपुर में उतरा। इस समूह में कांग्रेस के झारखंड प्रभारी अविनाश पाण्डेय, 32 विधायकों सहित 41 लोग शामिल हैं।
स्वागत के लिए पहुंचे थे कांग्रेस नेता
रायपुर हवाई अड्डे पर झारखंड के विधायकों के स्वागत के लिए प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष और नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन और भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मंडल के अध्यक्ष सुशील सन्नी अग्रवाल पहुंचे थे। तीनों नेताओं ने झारखंड के विधायकों को तीन बसों में बिठाया और नवा रायपुर के लिए रवाना हो गए।
बात करने से परहेज लेकिन विक्ट्री साइन दिखाते गए
झारखंड के विधायकों के अलावा उनका स्वागत करने हवाई अड्डे गए कांग्रेस नेताओं ने प्रेस से बात करने से परहेज किया। एक बेरिकेडिंग के जरिए प्रेस प्रतिनिधियों और आम लोगों को विधायकों की पहुंच से दूर रखा गया था। हालांकि बस से निकलते समय विधायकों ने विक्ट्री साइन दिखाया।
सरकार के कई मंत्री रांची में ही रहे
बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री हेमंत साेरेन और उनकी कैबिनेट के कुछ मंत्री रांची में ही रहने वाले हैं। केवल मंत्री रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता, बादल पत्रलेख आदि को विधायकों के साथ रायपुर भेजा गया है। मुख्यमंत्री ने एक सितम्बर को राज्य मंत्रिमंडल की भी बैठक बुलाई है। उसके बाद आगे की दिशा तय होगी।
यह है झारखंड की राजनीतिक स्थिति
झारखंड विधानसभा में 81 विधायक हैं। इनमें से यूपीए गठबंधन के पास 50 विधायकों का समर्थन है। भाजपा गठबंधन के पास कुल मिलाकर 30 विधायक हैं। ऐसे में विधायकों के एकजुट रहते सत्ता परिवर्तन की गुंजाइश नहीं बन रही है। हेमंत सोरेन अब अपने कुछ मंत्रियों के साथ राजधानी में रहेंगे। वहीं 32 मंत्री-विधायक कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में कुछ दिन रहने वाले हैं।
नवा रायपुर (अटल नगर) के झांग झील पर स्थित मेफेयर रिसोर्ट एक 5 स्टार होटल है। इस रिसोर्ट में 178 कमरे हैं। रेस्टोरेंट, स्पा के साथ यहां रेन डांस की सुविधा भी है। स्विमिंग पूल, किड्स प्ले एरिया और लाइब्रेरी भी शामिल है। मेफेयर लेक रिसोर्ट रायपुर के लग्जरी होटलों में से एक है।