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0 भाजपा ने किया सदन से वॉकआउट, विश्वास मत में हिस्सा नहीं लिया 

0 सीएम सोरेन बोले- आंदोलनकारी का बेटा, डरने वाला नहीं

रांची। झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार ने सोमवार को विधानसभा में विश्वास मत हासिल किया। सदन में विश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा के बाद मत विभाजन में हेमंत सोरेन सरकार के पक्ष में 48 मत मिले, जबकि विपक्ष में कोई मत नहीं प्राप्त हुआ। 82 सदस्यीय झारखंड विधान विधान सभा में बहुमत के लिए 42 विधायकों की आवश्यकता होती है और हेमंत सरकार ने 48 मत हासिल कर सदन में अपनी मजबूती दिखाई।

विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो ने सदन में हेमंत सोरेन सरकार के विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 48 मत और विपक्ष में शून्य मत मिलने की घोषणा की। भाजपा विधायकों ने मतदान के समय सदन का बहिर्गमन किया था। विश्वासमत पर वोटिंग को बाद विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। इसके बाद सोरेन ने ट्वीट कर लिखा है कि जीते हैं हम शान से। विपक्ष जलते रहे हमारे काम से।

सोरेन सोमवार सुबह छत्तीसगढ़ से लौटे अपने सभी विधायकों को खुद बस से लेकर विधानसभा आए थे। इस दौरान भाजपा विधायकों ने विधानसभा के सामने प्रदर्शन किया। वे सोरेन के विधायकों के छत्तीसगढ़ जाने और दुमका हत्याकांड का मुद्दा उठा रहे थे।

सीएम हेमंत सोरेन एक बार फिर से सभी विधायकों के साथ बस में सवार होकर सर्किट हाउस के लिए निकले। मुख्यमंत्री विधायकों के साथ लंच किया। विधायक फिलहाल सर्किट हाउस में ही हैं।

सब्जी-राशन खरीदने की बात सुनी थी, भाजपा तो विधायक खरीद रहीः सोरेन
सदन में सोरेन ने कहा कि हमने सब्जी, राशन और कपड़ा खरीदने की बातें सुनी थीं। भाजपा तो विधायक खरीद रही है। भाजपा के वॉकआउट पर कहा कि विपक्ष इस प्रस्ताव को पूरा सुने। मैदान छोड़कर बाहर न जाएं। मैं आंदोलनकारी का बेटा हूं। इनसे डरने वाला नहीं हूं। न डरा हूं और ना ही किसी को डराऊंगा। सोरेन ने कहा कि भाजपा राज्यों में गृह युद्ध के हालात बना रही। झारखंड सरकार राज्य में 1932 का खतियान लागू करने की तैयारी में हैं। सोरेन ने कहा- 1932 का खतियान और ओबीसी के मामले में जल्द सरकार आगे बढ़ने वाली है। 1985 की स्थानीयता इन्होंने परिभाषित की। जब 85 की स्थानीयता घोषित हुई तो ताली बजाकर कह रहे थे कि 85 का ही खतियान बेस्ट है।

सदन में हेमंत सोरेन ने कहा कि विपक्ष ने तंत्र को खत्म कर दिया है सिर्फ लोक बचा है। लोकतंत्र को बचाना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। बीजेपी देश के आधे राज्यों में गृह युद्ध की स्थिति बना रही है। कपड़ा, सब्जी और राशन को खरीदना सुना था, बीजेपी विधायक खरीद रही है।

मुस्लिम तुष्टिकरण में सरकार जुटी हैः नीलकंठ सिंह
सदन में बीजेपी के विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि ना ही कोर्ट की ओर से, ना ही राज्यपाल ने बहुमत साबित करने को कहा, फिर सरकार विश्वासमत क्यों लाना चाहती है। बीते दिनों से सीएम विधायकों को लेकर जिस तरह से घूम रहे हैं। उससे लगता है कि उन्हें अपने ही विधायकों पर भरोसा नहीं है। सरकार मुस्लिम तुष्टिकरण में लगी है। राज्य की बेटियों पर अत्याचार हो रहा है, लेकिन सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता है। इधर बीजेपी विधायक सीपी सिंह सदन में सीएम के व्यवहार पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि सीएम ने सदन में प्रवेश के साथ ही बीजेपी पर हमला बोल दिया। साथ ही कहा कि मैं खुद भी स्पीकर रह चुका हूं, ऐसे में कोई विधानसभा अध्यक्ष गलत करेंगे तो मैं चुप नहीं बैठूंगा।

सदन में गूंजी 1932 के खतियान की मांग
जेएमएम विधायक सुदिव्य ने कहा कि 1932 के खतियान को आधार बनाकर स्थानीयता लागू की जाए। 1932 की आग को जो छूएगा जलकर राख हो जाएगा। झारखंडियों की एक ही पहचान 1932 की खतियान। 1985 की स्थानीयता बनाकर ये लोग झारखंडियों और बाहरियों को एक साथ खड़ा कर दिया। झारखंडी नौजवान आज चाहता है कि स्थानीयता का कट ऑफ मार्क 1932 लागू हो। सीएनटी-एसपीटी और विल्किंसन एक्ट देकर हमारे अधिकार को सुरक्षित रखा गया है। सीएनटी-एसपीटी एक्ट के बावजूद झारखंडियों की जमीनों को बेचा गया। 21 सालों में इनलोगों ने झारखंड की डेमोग्राफी को बदल दिया। माले विधायक बिनोद सिंह ने अपनी ही सरकार पर हमला किया। स्थानीय नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि आपने जो नियोजन नीति बनाई है, उससे यहां के युवाओं को ही नुकसान हो रहा है। इसे सही करें।

हमने ओल्ड पेंशन स्कीम लागू कीः कांग्रेस विधायक
कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय ने कहा झारखंड सरकार में अस्थिरता पैदा करने वाले असमंजस में हैं। महामहिम हफ्ते भर से दिल्ली में क्या कर रहे हैं। आज वापसी हो रही है तो आगे क्या होगा। केंद्र और राज्य के भाजपा के नेता हैं वो राजनीति षडयंत्र करने में व्यस्त हैं। हमारी सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने का काम किया। 1.5 लाख कर्मचारियों के हितों की रक्षा की।

सोरेन के विधायक रविवार को रांची लौटे, भाजपा ने उठाया सवाल
भाजपा विधायकों ने सत्ताधारी विधायकों के छत्तीसगढ़ जाने पर सवाल उठाए हैं। बता दें कि ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में चुनाव आयोग की चिट्ठी मिलने के 11 दिन बाद भी राज्यपाल का कोई आदेश नहीं आया है,लेकिन राज्य की राजनीति में उथल-पुथल मची हुई है। हेमंत सोरेन ने अपने 32 विधायकों को एकजुट करने के लिए 30 अगस्त को रायपुर भेजा था। सभी रविवार को रांची लौट आए थे। सभी सर्किट हाउस से बस में सवार होकर विधानसभा पहुंचे।

 

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