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0 केएन त्रिपाठी का फार्म निरस्त

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस अध्यक्ष के लिए नॉमिनेशन करने के एक दिन बाद राज्यसभा में नेता विपक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने शनिवार को सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा सौंपा। दरअसल कांग्रेस में ‘एक व्यक्ति एक पद’ का सिद्धांत है। इसी के तहत खड़गे ने यह इस्तीफा दिया है। अब माना जा रहा है कि पी. चिदंबरम या दिग्विजय सिंह राज्यसभा में उनकी जगह ले सकते हैं। इधर कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन पत्रों की जांच के आखिरी दिन शनिवार को दोनों उम्मीदवार मलिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के नामांकन पत्र वैध पाए गए हैं और अब चुनाव में ये दोनों उम्मीदवार रह गये है।

कांग्रेस चुनाव विभाग के प्रभारी मधुसूदन मिस्त्री ने शनिवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि नामांकन पत्रों की जांच का काम पूरा हो गया है। जांच के दौरान झारखंड के के एन त्रिपाठी का फार्म प्रस्तावकों के हस्ताक्षर नहीं मिलने तथा अन्य कारणों से निरस्त हुआ है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए निर्वाचन विभाग को कुल 20 फॉर्म प्राप्त हुए है जिनमें से हस्ताक्षर के मिलान नहीं होने तथा हस्ताक्षर रिपीट होने जैसे अन्य कुछ कारणों से 4 फॉर्म खारिज किए गए हैं।

श्री मिस्त्री ने बताया कि अब दो ही उम्मीदवार श्री खड़गे और श्री थरूर चुनाव मैदान में रह गए हैं। 8 अक्टूबर तक नाम वापस लिए जा सकते हैं और नाम वापस नहीं लेने की स्थिति में 17 अक्टूबर को मतदान कराया जाएगा।

खड़गे 2021 में बने थे नेता प्रतिपक्ष
खड़गे को पिछले साल 2021 में कांग्रेस के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल पूरा होने के बाद फरवरी में राज्यसभा का नेता प्रतिपक्ष बनाया गया था। दिग्विजय ने खड़गे की एंट्री के बाद खुद को अध्यक्ष पद की रेस से बाहर कर लिया था। पार्टी और आलाकमान के विश्वसनीय नेताओं में से एक हैं और नेता प्रतिपक्ष के लिए पहली पसंद बताए जा रहे हैं।

क्या है एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत
एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत के तहत कांग्रेस पार्टी का कोई भी नेता एक समय में दो पद पर नहीं रह सकता। पार्टी इस सिद्धांत के तहत संगठन में हर लेवल के 50% पदों पर 50 साल या इससे कम उम्र के युवा चेहरों को मौका देना चाहती है।

इसके तहत कोई भी व्यक्ति पार्टी के एक पद पर पांच साल से अधिक समय तक नहीं रहेगा। कार्यकाल समाप्त होने के बाद, व्यक्ति को अपने पद से इस्तीफा देना होगा। यदि कोई व्यक्ति किसी पद पर वापस आना चाहता है तो उसे 3 वर्ष की कूलिंग पीरियड के बाद ही मौका दिया जाएगा।

उदयपुर के चितंन शिविर से निकला था सिद्धांत
इस साल मई महीने राजस्थान के उदयपुर में कांग्रेस का चिंतन शिविर आयोजित किया गया था। इसमें 430 नेताओं ने 2024 लोकसभा चुनाव में जीत के लिए रोड मैप तैयार किया था। इस दौरान पार्टी में कई बड़े बदलावों पर मुहर लगी थी। इसमें ‘एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत’ भी पास किया गया।

सिद्धांत पर हाल में ही हुआ था बवाल
कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के पार्टी ने 22 सितंबर को नोटिफिकेशन जारी किया था। नोटि जारी होने के बाद राजस्थान के CM अशोक गहलोत भारत जोड़ो यात्रा के बीच राहुल गांधी से मिलने कोच्चि पहुंच गए। इससे पहले अशोक ने अपने एक बयान में कहा था कि वो पार्टी के हित के लिए दो पदों पर भी बने रह सकते हैं। लेकिन उनकी इस मंशा को झटका तब लग जब राहुल गांधी स्पष्ट तौर पर कह दिया कि पार्टी एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत पर ही चलेगी।

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