नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी मंत्रियों और सचिवों को एक महत्वपूर्ण सलाह दी है। सूत्रों ने रविवार को बताया कि पीएम मोदी ने मंत्रियों से कहा है कि वे राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (एनएससीएस) और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) की ओर से साझा किए गए नोट्स एवं अन्य सूचनाओं की अनदेखी ना करें। पीएम मोदी ने यह भी कहा है कि सभी मंत्री इन सूचनाओं और नोट्स को गंभीरता से लें।
रणनीतिक दृष्टिकोण को देखने की जरूरत
पीएम मोदी ने कहा है कि कोई भी नीति बनाते समय भारत के रणनीतिक दृष्टिकोण को भी देखने की आवश्यकता है। ऐसे उदाहरण हैं जब राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के नोट्स को उचित महत्व नहीं दिया गया। शुक्रवार को हुई मंत्रिपरिषद की पांच घंटे की लंबी बैठक के दौरान पीएम मोदी ने दवाओं के निर्माण के लिए उपयोग किए जाने वाले आयातित सक्रिय फार्मास्युटिकल अवयवों (एपीआई) पर निर्भरता के मामले का हवाला दिया, जिसे कई साल पहले एनएससीएस ने उजागर किया था।
एनएससीएस पर दी प्रस्तुति
समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक इस बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश पर डिप्टी एनएसए विक्रम मिश्री ने मंत्रियों को अवगत कराने के लिए एनएससीएस पर एक प्रस्तुति दी। सूत्रों ने बताया कि प्रस्तुति में डिप्टी एनएसए विक्रम मिश्री ने दुनिया भर में हो रहे बदलावों (खासकर यूरोप, रूस और अमेरिका में हो रहे बदलावों) और भारत पर उनके प्रभाव के बारे में जानकारी साझा की।
नीति निर्माण की प्रक्रिया गतिशील
सूत्रों ने बताया कि मिश्री की प्रस्तुति प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप के बाद आयोजित की गई थी। मिश्री से पहले वित्त सचिव टीवी सोमनाथन और वाणिज्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने भी अपना प्रेजेंटेशन दिया। मंत्रिपरिषद की बैठक के दौरान पीएम मोदी ने यह भी रेखांकित किया कि नीति निर्माण की प्रक्रिया गतिशील है और इसे बदलते वक्त के साथ संशोधित करने की जरूरत है। पीएम मोदी ने बैठक में कहा कि नीतियों को बनाने और लागू करने में आत्मसंतुष्ट होने की प्रवृत्ति है जिससे बचा जाना चाहिए।