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0 पार्टी के नाम शिवसेना बाला साहेब ठाकरे और शिवसेना उद्धव बाला साहेब ठाकरे है
0 निशान में पहली पसंद त्रिशूल और दूसरी पसंद उगता सूर्य है

मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे गुट ने चुनाव आयोग को पार्टी के नाम और निशान की सूची सौंप दी है। बताया जा रहा है कि उद्धव गुट की ओर से पार्टी के लिए दो नाम सामने आए हैं। इनमें पहला- शिवसेना बाला साहेब ठाकरे और दूसरा- शिवसेना उद्धव बाला साहेब ठाकरे है। वहीं, निशान में पहली पसंद त्रिशूल, सिंबल के लिए दूसरी पसंद उगता सूर्य है।

बता दें कि चुनाव आयोग ने आगामी अंधेरी पूर्व विधानसभा उपचुनाव में ठाकरे और एकनाथ शिंदे दोनों गुटों को पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करने से रोक दिया है। उद्धव ठाकरे ने आज शाम 7 बजे एक बैठक बुलाई है जहां शिवसेना नेता चुनाव चिन्हों पर चर्चा करेंगे।

इससे पहले महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे गुट के सचिव मिलिंद नारवेकर ने बाघ की फोटो ट्वीट कर लिखा है कि हमारा सिम्बल श्री उद्धव बालसाहेब ठाकरे। बता दें कि 1 अक्टूबर 1989 को धनुष और तीर के प्रतीक के रजिस्ट्रेशन से पहले सेना ने नारियल के पेड़, रेलवे इंजन, तलवार और ढाल, मशाल, कप और तश्तरी जैसे प्रतीकों का इस्तेमाल किया था।

उद्धव गुट के एक सीनियर नेता ने पुष्टि की कि उन्हें पार्टी और कई विशेषज्ञों से प्रतीकों पर सुझाव मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी के नेता चुनाव आयोग के पास उपलब्ध मुफ्त प्रतीकों में से विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि आगामी उपचुनाव के लिए चुनाव चिन्हों के विकल्पों पर लंबी बैठक हुई है। इससे पहले उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने शनिवार को चुनाव आयोग के आदेश को अन्याय करार दिया। शिवसेना नेता और पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने चुनाव आयोग के आदेश के बाद शनिवार को शिवसेना के बागी नेताओं पर निशाना साधा।

उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ‘खोकेवाले’ के गद्दारों ने शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह फ्रीज करने का यह बेशर्म और घिनौना कृत्य किया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की जनता इसे बर्दाश्त नहीं करेगी। हम लड़ेंगे और जीतेंगे। हम सच्चाई के पक्ष में हैं। सत्यमेव जयते!

चुनाव आयोग को दिए तीन नाम और तीन निशान
ठाकरे ने बताया कि उप चुनाव के लिए उन्होंने चुनाव आयोग को तीन नाम और तीन निशान के विकल्प दिए हैं। निशान में त्रिशूल, उगता हुआ सूरज और मशाल हैं। नाम शिवसेना बाला साहेब ठाकरे, शिवसेना बालासाहेब प्रबोधनकर ठाकरे, शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे दिए हैं। उन्होंने कहा- चुनाव आयोग से मेरा निवेदन है कि आप हमें इन तीन में से एक नाम और लोगो फाइनल करके दें, ताकि हम जनता के दरबार में आ सकें।

तुम्हारा मकसद शिवसेना को खत्म करने का है
उद्धव ठाकरे बोले कि मैं कभी डगमगाया नहीं, क्योंकि मेरे पिता और दादा ने मुझे आत्मविश्वास सिखाया है। इसी वजह शिवसैनिक प्रेमी मेरे साथ हैं। तुम्हें भाजपा और शिवसेना दोनों चाहिए। बालासाहेब ठाकरे चाहिए, लेकिन उनका बच्चा क्यों नहीं? तुम्हारा मकसद शिवसेना को खत्म करना है।

शिंदे के मंत्री बोले- उद्धव का हलफनामा झूठा
महाराष्ट्र सरकार के मंत्री उदय सावंत ने कहा है कि उद्धव गुट ने झूठा हलफनामा दिया है। उसकी शिकायत हम चुनाव आयोग से करेंगे। असल में हमारे साथ में ही अन्याय हुआ है। क्योंकि 4 बार उन लोगों ने दस्तावेज जमा करने के लिए वक्त मांगा और जमा नहीं किया। शिवसेना का चुनाव चिन्ह तीर कमान सीज होने का हमें दुख है। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को इस संबंध में निर्णय लेने को कहा था और अब चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार निर्णय लिया है। उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री कार्यकाल में ढाई साल हम लोग जिस परिस्थिति से गुजरे इसकी उन्हें पूरी जानकारी है। शिंदे ने पद की लालच में बगावत नहीं की। कांग्रेस और NCP के साथ महा विकास आघाडी में रहना हमारे सिद्धांतों के खिलाफ था। शिवसेना और भाजपा की गठबंधन नैसर्गिक है और हमें उस नैसर्गिक गठबंधन के साथ रहना चाहिए। हमने कभी यह नहीं कहा कि हम शिवसेना से अलग हुए हैं। हम आज भी शिवसेना प्रमुख बाला साहब ठाकरे का आदर और सम्मान करते हैं।

शिवसेना विवाद में पिछले 2 दिन का घटनाक्रम  
उद्धव गुट के नेताओं के पास से फर्जी एफिडेविट मिला, FIR दर्ज 
शिवसेना के सिंबल फ्रीज होने के बाद रविवार को शिंदे गुट ने उद्धव ठाकरे खेमे के खिलाफ फर्जी तरीके से एफिडेविट बनाने का आरोप लगाया है। रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई पुलिस के निर्मलनगर थाने में इसकी FIR भी दर्ज कराई गई है। पुलिस ने जांच में अब तक 4682 झूठे एफिडेविट जब्त किए हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि ये सभी एफिडेविट चुनाव आयोग में जमा कराने की तैयारी थी।

चुनाव आयोग का फैसला, शिवसेना का सिंबल फ्रीज 
उद्धव-शिंदे गुट के बीच लड़ाई में शनिवार को चुनाव आयोग ने शिवसेना के सिंबल तीर-धनुष को फ्रीज कर दिया। 13 पन्नों के जारी आदेश में आयोग ने कहा कि दोनों गुटों में से कोई भी उपचुनाव में चुनाव चिन्ह तीर-धनुष का उपयोग नहीं कर सकेगा। यह आदेश मुंबई की अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव के लिए है। आयोग ने अपने आदेश में कहा कि दोनों गुट अपने लिए नए नाम का चुनाव कर सकते हैं और ये नाम शिवसेना से मिलता-जुलता हो सकता है। उपचुनावों में दोनों गुट अपने लिए चुनाव आयोग की दी गई लिस्ट में से कोई चिन्ह चुन सकते हैं। उन्हें 10 अक्टूबर तक उनमें से एक चिन्ह चुनकर आयोग को बताना होगा।

शिंदे गुट ने किया है पार्टी पर दावा
ठाकरे से बगावत कर भाजपा के सहयोग से सरकार बनाने वाले एकनाथ शिंदे गुट ने चुनाव आयोग के सामने धनुष-बाण पर दावा किया था। वहीं, ठाकरे की ओर से कहा गया था कि शिंदे पार्टी छोड़ चुके हैं, इसिलए उनका पार्टी या उसके चुनाव चिन्ह पर कोई दावा नहीं बनता। हाल ही में आयोग ने ठाकरे और शिंदे से शिवसेना के चुनाव चिन्ह पर अधिकार के दावे को लेकर जवाब दाखिल करने को कहा था। ठाकरे ने शुक्रवार को चुनाव आयोग में अपना जवाब दाखिल किया। उद्धव गुट ने 5 लाख से ज्यादा पार्टी पदाधिकारियों और सदस्यों के समर्थन वाला हलफनामा भी दाखिल किया है।

20 जून से शुरू हुआ था शिवसेना का विवाद
शिवसेना का विवाद 20 जून से शुरू हुआ था, जब शिंदे के नेतृत्व में 20 विधायक सूरत होते हुए गुवाहाटी चले गए थे। इसके बाद शिंदे गुट ने शिवसेना के 55 में से 39 विधायक के साथ होने का दावा किया, जिसके बाद उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा दे दिया था।

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