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0 अध्यात्म का नया आंगन भक्तों के लिए खुला

उज्जैन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को जब उज्जैन में ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर के नए परिसर 'महाकाल लोक' का लोकार्पण किया, तो चारों ओर जय महाकाल की जयघोष की गूंज सुनाई दी। रक्षा सूत्र (कलावे) से बनाए गए 15 फीट ऊंचे शिवलिंग की प्रतिकृति से मोदी ने रिमोट के जरिए जैसे ही आवरण हटाया, अध्यात्म का यह नया आंगन सभी के लिए खुल गया।

श्री महाकाल लोक के लोकार्पण की गूंज विदेशों में भी सुनाई दे रही है। भाजपा के विदेश संपर्क विभाग ने अमेरिका, जर्मनी, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, ब्रिटेन, यूएइ, कनाडा, हालैंड, कुवैत सहित 40 देश के NRI को उद्घाटन कार्यक्रम दिखाने की व्यवस्था की है।

इससे पहले मोदी ने महाकाल के दर्शन किए और साष्टांग मत्था टेका। महाकाल को चंदन, मोगरे और गुलाब की माला अर्पित कर जनेऊ चढ़ाया। सूखे मेवे और फल का भोग लगाया। दक्षिणा अर्पित की। वे संध्या आरती में भी शामिल हुए। महाकाल के दक्षिण दिशा में बैठकर रुद्राक्ष की माला से 3 मिनट तक जप करते हुए ध्यान लगाया।

'महाकाल लोक' प्रोजेक्ट दो फेज में 856 करोड़ रुपए की लागत से डेवलप किया जा रहा है। इसके जरिए 2.8 हेक्टेयर में फैला महाकाल परिसर 47 हेक्टेयर का हो जाएगा। इसमें 946 मीटर लंबा कॉरिडोर है, जहां से श्रद्धालु गर्भगृह पहुंचेंगे।

60 किमी लंबे इंदौर-उज्जैन हाईवे को स्पेशल लाइटिंग से सजाया
उज्जैन में रात को हेलिकॉप्टर के उड़ने और उतरने की सुविधा नहीं है। वापसी में प्रधानमंत्री सड़क मार्ग से इंदौर जा सकते हैं। इसी संभावना को देखते हुए उज्जैन के बीच 60 किमी लंबे हाईवे को स्पेशल लाइटिंग के जरिए दुल्हन की तरह सजाया गया है।

सजावट के लिए बेंगलुरु-पुणे से मंगाए गए फूल
महाकाल का गर्भगृह और नंदी हाल के साथ ही परिसर के सभी मंदिर रंग-बिरंगी रोशनी से नहाए हुए हैं। यहां 40 से अधिक छोटे-बड़े मंदिरों और कोटितीर्थ कुंड के आस-पास पुष्प सज्जा भी की गई है। मंदिर समिति के अधिकारियों ने बताया कि सजावट के लिए सात शहरों से फूल मंगाए गए हैं। इनमें देसी गुलाब, गेंदा, सुगंधित पुष्प इसके अलावा विशेष किस्म के डच गुलाब, जरबेरा, लिली, रजनीगंधा, एंथोरियम शामिल हैं। विशेष किस्म के फूल पुणे और बेंगलुरु से मंगाए गए हैं।

महाकाल लोक में देश का पहला नाइट गार्डन
महाकाल लोक प्रांगण में देश का पहला नाइट गार्डन भी स्थित है। नाइट गार्डन भी महाकालेश्वर पथ का हिस्सा है। यहां भी आपको शिवकथा से जुड़े कई भित्ती चित्र और प्रतिमाएं देखने को मिलेंगी। इस नाइट गार्डन की खासियत ये है कि यहां बिजली की तकरबीन 80 फीसद जरूरत यहां मौजूद सौर ऊर्जा संयंत्र से पूरी होती है।

महाकाल लोक में बार कोड से ले सकेंगे जानकारी
उज्जैन का महाकाल लोक संभवतः देश का ऐसा पहला धार्मिक स्थल होगा, जहां के भित्ती चित्रों और कथाओं से जुड़े मूर्तियों की जानकारी बार कोड के जरिए ली जा सकेगी। स्मार्ट मोबाइल फोन से इस बार कोड को स्कैन कर उसके बारे में डिजिटल तरीके से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

महाकालेश्वर पथ पर शिवलोक कथा
महाकालेश्वर लोक में 900 मीटर से लंबा है महाकालेश्वर पथ। इस पथ पर शिवलोक की कई कथाओं का चित्रण किया गया है। इसकी शुरूआत महाकाल लोक प्रांगण में नंदी द्वार से होती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ई-कार्ट के जरिए महाकालेश्वर पथ का भ्रमण कर रहे हैं।

6 राज्यों के 700 कलाकार पहुंचे हैं प्रस्तुति देने
प्रधानमंत्री के महाकाल लोक अवलोकन के दौरान मध्यप्रदेश की मालवा संस्कृति का नृत्य, गुजरात का गरबा, केरल के कलाकार कथक और आंध्र प्रदेश के कलाकार कुचिपुड़ी नृत्य की प्रस्तुति देंगे। खास बात यह है कि झारखंड के ट्राइबल एरिए से आए 12 कलाकार PM मोदी के सामने अपनी सांस्कृतिक परंपरा अनुसार भस्मासुर की प्रस्तुति देंगे। PM इलेक्ट्रिक व्हीकल से महाकाल लोक का अवलोकन करेंगे। इस दौरान वे कलाकारों से भी मिल सकते हैं।

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