0 देश को मिला पहला एयरक्राफ्ट मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट
0 पीएम मोदी ने बडोदरा में किया उद्घाटन
0 कहा- भारत जल्द बड़े प्लेन भी बनाएगा
वड़ोदरा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले की सरकारों पर देश में विनिर्माण क्षेत्र की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि उनकी सरकार के अथक प्रयासों से मानसिकता और कार्यसंस्कृति बदली है जिसके कारण देश विनिर्माण का गढ़ बनने वाला है और निजी क्षेत्र को इस मौके का पूरा फायदा उठाना चाहिए।
श्री मोदी ने रविवार को यहां देश के पहले स्वदेशी परिवहन विमान विनिर्माण संयंत्र की आधारशिला रखने के मौके पर कहा कि उनकी सरकार काम चलाऊ ढर्रे को छोड़ कर विकास के समग्र दृष्टिकोण पर आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि हमारी नीति स्थिर और भविश्योन्मुखी हैं। आज भारत विनिर्माण मे सबसे आगे रहने की तैयारी में है। सेमीकंडक्टर से विमान बनाने तक हम सबसे आगे रहने के इरादे से बढ़ रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस तरह से देश में विमान विनिर्माण क्षेत्र का विकास हो रहा है उससे वह दिन दूर नहीं जब दुनिया के बड़े यात्री विमान भी भारत में ही बनेंगे । उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों की टालने की नीतियों और उपेक्षा से विनिर्माण क्षेत्र का नुकसान हुआ ।
उन्होंने कहा कि भारत नयी मानसिकता और कार्यसंस्कृति के साथ काम कर रहा है। रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र आत्मनिर्भर भारत के मजबूत सतंभ हैं। सरकार की नीतियों के चलते आने वाले समय में रक्षा क्षेत्र में उत्पादन 25 अरब डॉलर तथा रक्षा निर्यात पांच अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। प्रधानमंत्री ने उद्घाटन के बाद कहा कि ये आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भारत की एक बड़ी छलांग है। हम एयरक्रफ्ट कैरियर, सबमरीन बना रहे हैं। यही नहीं, भारत में बनी दवाएं दुनिया में लोगों की जान बचा रही हैं। मेक इन इंडिया, मेक फॉर द ग्लोब के मंत्र पर आगे बढ़ रहा भारत, आज अपने सामर्थ्य को और बढ़ा रहा है। अब भारत, ट्रांसपोर्ट प्लेन का भी बहुत बड़ा निर्माता बनेगा। मैं वह दिन देख रहा हूं, जब भारत में बड़े प्लेन बनेंगे और उन पर लिखा होगा 'मेड इन इंडिया'। आज भारत में इसकी शुरुआत हो रही है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस दौरान कहा कि आज देश में पहली बार निजी क्षेत्र की ओर से किसी विमान निर्माण सुविधा की आधारशिला रखी जा रही है। यह निश्चित रूप से रक्षा क्षेत्र के साथ-साथ पूरे देश के लिए गर्व की बात है।
चुनिंदा देशों में शामिल होगा भारत
इस प्लांट के शुरू होने के साथ ही भारत एयरक्राफ्ट बनाने वाले चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा। इस लिस्ट में फिलहाल अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस, इटली, स्पेन, यूक्रेन, ब्राजील, चीन और जापान शामिल हैं। एलाइड मार्केट रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट इंडस्ट्री 45 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगी। भारत में टाटा-एयरबस के इस प्लांट से 2031 से विदेशों में भी सप्लाई शुरू हो जाएगी।
डिफेंस एयरोस्पेस सेक्टर में पहली बार बड़ा इन्वेस्टमेंट
PM ने कहा- ये पहली बार है कि भारत के डिफेंस एयरोस्पेस सेक्टर में इतना बड़ा इन्वेस्टमेंट हो रहा है। वडोदरा में बनने वाले ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट हमारी सेना को तो ताकत ही नहीं देंगे, बल्कि इससे एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग के लिए नए इकोसिस्टम का विकास होगा। दुनिया का सबसे तेजी से विकसित होता एविएशन सेक्टर आज भारत में है। वहीं, एयर ट्रैफिक के मामले में हम दुनिया के टॉप तीन देशों में पहुंचने वाले हैं।
हर हफ्ते बनेगा एक विमान: एयरबस सीसीओ
एयरबस के चीफ कमर्शियल ऑफिसर क्रिश्चियन शेरर ने कहा कि टाटा और एयरबस मिलकर एक ऐसा विमान बनाएंगे, जो इंडियन एयरफोर्स को मजबूत करेगा और प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को पूरा करेगा। हम अगले 10 सालों के लिए हर हफ्ते औसतन 1 से ज्यादा विमान भारत में बनाएंगे।
2021 में एयरबस के साथ हुई थी डील
सितंबर 2021 में भारत ने एयरबस डिफेंस एंड स्पेस (ADSpace) के साथ लगभग 21,000 करोड़ रुपए की डील की थी। इसमें पुराने एवरो-748 की जगह C-295 एयरक्राफ्ट खरीदने की डील हुई थी। 56 विमानों की मांग की गई थी। इनमें से 16 स्पेन से बनकर आएंगे और बाकी 40 गुजरात के वडोदरा में बनाए जाएंगे। रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि यह विमान पूरी तरह से स्वदेशी होंगे। सितंबर 2023 से अगस्त 2025 के बीच 16 एयरक्राफ्ट रेडी कंडीशन में सौंप दिए जाएंगे। देश में बने विमानों की आपूर्ति 2026 से 2031 तक की जाएगी।