मुंबई। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शिवसेना सांसद संजय राउत को मुंबई की पीएमएलए कोर्ट से 102 दिन बाद जमानत मिल गई है। इस फैसले को प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) ने बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी है। कुछ देर में जस्टिस भारती डांगरे इस पर सुनवाई करेंगे। ईडी ने राउत को 31 जुलाई को गिरफ्तार किया था। इससे पहले 9 घंटे पूछताछ की थी।
राउत से 28 जून को भी ईडी ने पूछताछ की थी। उनके घर की तलाशी के दौरान ईडी को 11.5 लाख रुपए नकद मिले थे। राउत या उनके परिवार के लोग इन पैसों का सोर्स नहीं बता पाए थे। संजय पर 1,039 करोड़ के पात्रा चॉल जमीन घोटाले का आरोप है।
क्या है पात्रा चॉल घोटाला?
उत्तरी मुंबई के गोरेगांव में सिद्धार्थ नगर है, यह पात्रा चॉल के नाम से मशहूर है। यहां पर 47 एकड़ में 672 घर हैं। 2008 में महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी यानी म्हाडा ने रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट शुरू किया और गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड यानी जीएसीपीएल को 672 किराएदारों का पुनर्वास और इलाके को रिडेवलप करने का कॉन्ट्रैक्ट दिया।
जीएसीपीएल को पात्रा चॉल के 672 किराएदारों को फ्लैट देना था, म्हाडा के लिए 3 हजार फ्लैट बनाना था और शेष को निजी डेवलपर्स को बेचना था। हालांकि ईडी का दावा है कि संजय राउत के करीबी सहयोगी प्रवीण राउत और गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन के अन्य निदेशकों ने म्हाडा को गुमराह किया।
इसके साथ ही फ्लोर स्पेस इंडेक्स यानी एफएसआई को 9 अलग-अलग निजी डेवलपर्स को बेचकर 901.79 करोड़ रुपए कमाए, लेकिन उन्होंने न तो 672 किराएदारों को फ्लैट दिया और न ही म्हाडा के लिए कोई फ्लैट बनाया। इसके बाद जीएसीपीएल ने मीडोज नामक एक प्रोजेक्ट शुरू किया और फ्लैट खरीदारों से लगभग 138 करोड़ रुपए की बुकिंग राशि ली। ईडी का आरोप है कि इन अवैध गतिविधियों से गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने 1,039.79 करोड़ रुपए बनाए।
जांच में ईडी को क्या मिला?
ईडी ने दावा किया है कि प्रवीण राउत को रियल एस्टेट कंपनी एचडीआईएल से 100 करोड़ रुपए मिले। इस पैसे को प्रवीण ने अपने करीबी सहयोगियों, परिवार के सदस्यों और संजय राउत के परिवार को दिया। ईडी ने आरोप लगाया है कि 2010 में इसमें से 83 लाख रुपए संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत के अकाउंट में भेजे गए। उन्होंने इस पैसे से दादर में एक फ्लैट खरीदा। ईडी ने दावा किया है कि इसके अलावा महाराष्ट्र के अलीबाग में किहिम बीच पर वर्षा राउत और स्वप्ना पाटकर के नाम पर कम से कम 8 प्लॉट खरीदे गए।