0 रक्षा मंत्री ने कहा-भारत का इतिहास भूली कांग्रेस
नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कुछ लोग कमल को सिर्फ भाजपा का चुनावी प्रतीक बता रहे हैं। पीएम मोदी ने जी-20 का लोगो जारी किया है, उसमें कमल का फूल होने से लोगों को आपत्ति है। कांग्रेस शायद भारत का इतिहास भूल गई है। कमल को 1950 में ही भारत का राष्ट्रीय पुष्प घोषित कर दिया गया था। 1857 में स्वतंत्रता सेनानियों ने एक हाथ में रोटी और दूसरे हाथ में कमल का फूल लेकर आजादी की लड़ाई लड़ी थी।
केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह हरियाणा के झज्जर के कुलाना में सम्राट पृथ्वी राज चौहान की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे। इस दौरान राजनाथ सिंह ने कहा कि क्या हाथ अगर किसी राजनीतिक पार्टी का चुनाव चिन्ह है तो उसे काट देना चाहिए। अगर किसी का चिह्न साइकिल है तो क्या उसे इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। हम भारत की सांस्कृतिक गरिमा से छेड़छाड़ ना तो होने देंगे और ना ही बर्दाश्त करेंगे।
पीएम बोले- ये ऐतिहासिक अवसर है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को जी-20 का लोगो, वेबसाइट और थीम लॉन्च की थी। इस मौके पर मोदी ने कहा कि 1 दिसंबर से भारत G-20 की अध्यक्षता करेगा। भारत के लिए ये ऐतिहासिक अवसर है। G-20 का ये लोगो केवल एक प्रतीक चिन्ह नहीं है, ये एक संदेश है, ये एक भावना है, जो हमारी रगों में है। ये एक संकल्प है जो हमारी सोच में शामिल रहा है। इस लोगो और थीम के जरिए हमने एक संदेश दिया है।
जी-20 के लोगो में कमल का फूल देखकर विपक्ष का हंगामा
जी-20 के लोगो में कमल का फूल देखकर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा कि 70 साल पहले नेहरू ने कांग्रेस के झंडे को भारत का झंडा बनाने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। आज बीजेपी का चुनाव चिन्ह भारत की जी-20 की अध्यक्षता का आधिकारिक लोगो बन गया है। अब हम लोग यह जान गए हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी बेशर्मी से खुद का प्रचार करने का कोई भी मौका नहीं गंवाएगी।
क्या है जी-20 ग्रुप
यूरोपियन यूनियन मिलकर जी-20 का निर्माण करते है। इसमें 20 देशों के अध्यक्षों की वार्षिक बैठक होती है जिसको जी-20 शिखर सम्मेलन के नाम से जाना जाता है। इस सम्मेलन में सभी देशों के मुख्य विषय यानी आतंकवाद, आर्थिक परेशानी, ग्लोबल वॉर्मिंग, स्वास्थ्य और अन्य जरूरी मुद्दों पर चर्चा की जाती है। पूरे दुनिया में जितना भी आर्थिक उत्पादन होता है उसमें 80% योगदान इन्हीं जी 20 देशों का होता है।
ये देश हैं G-20 में
जी20 समूह में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, जर्मनी, फ्रांस, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं।