बाली (इंडोनेशिया)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को यहां भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि भारत आज दुनिया की सबसे तेजी से वृद्धि कर रही बड़ी अर्थव्यवस्था है और देश अभूतपूर्व लक्ष्यों को लेकर अप्रत्याशित गति से काम करते हुए विश्व की एक नयी शक्ति के रूप में उभर रहा है।
बाली में चल रहे जी20 समूह के शिखर सम्मेलन में भाग लेने आये श्री मोदी ने यहां रहने वाले भारतीय समुदाय के एक स्वागत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ने अपनी आजादी के लिए अमृत काल में विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य रखा है और भारत के इस लक्ष्य में पूरी दुनिया की भलाई की अवधारणा भी जोड़ी गयी है।
श्री मोदी ने कहा कि 2014 से पहले और उसके बाद के भारत में फर्क है, “यह फर्क मोदी नहीं, स्पीड (कार्य करने की गति) और स्केल (काम करने का पैमाना) है।” उन्होंने कहा कि भारत अब छोटे लक्ष्य नहीं रखता। आज का भारत अप्रत्याशित गति और पैमाने पर काम कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अपनी सरकार के विशेष अभियान के दौरान खोले गए 32 करोड़ जनधन खातों का जिक्र करते हुए कहा कि यह अमेरिका की कुल आबादी के बराबर है और इसी तरह तीन करोड़ मुफ्त घर दिए गए हैं जो आस्ट्रेलिया के हर नागरिक की घर की जरुरत को पूरा करने के बराबर है। इस दौरान भारत ने जितना बड़ा हाईवे विकसित किया है वह धरती के डेढ़ चक्कर के बराबर है। आयुष्मान भारत में जितने लोगों को पांच लाख रुपए के मुफ्त इलाज की सुविधा दी गयी है वह यूरोप की आबादी से अधिक है। भारत ने जितने कोविड वैक्सीन डोज मुफ्त वह यूरोप और अमेरिका की आबादी के ढाई गुने के बराबर है।
श्री मोदी ने उपस्थित जनसमुदाय से पूछा, “क्या इससे आपका माथा ऊंचा नहीं उठता, आपको गर्व नहीं होता। प्रधानमंत्री के इस सवाल का जवाब उपस्थित जनसमुदाय ने हर्ष ध्वनि के साथ दिया। उन्होंने कहा कि इसीलिए कहता हूँ कि भारत सबसे पहले।” प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अपनी जड़ों से जुड़े रहकर विकास की नयी ऊंचाईयां छूने का लक्ष्य रखता है।
श्री मोदी ने कहा कि भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक महाशक्ति के रूप में उभर रहा है और इसका लाभ दक्षिण एशिया के देशों को भी हो रहा है। भारत रक्षा के क्षेत्र में हथियारों के निर्यात की स्थिति में है और हमारी बह्मोस मिसाइल और तेजस लड़ाकू विमान की पूछ दुनिया भर में हो रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज बड़े लक्ष्य रखता है और उसे पाने के लिए संकल्प के साथ प्रयत्न करता है। संकल्प से सिद्धि का यह मंत्र पूरी दुनिया के कल्याण के लिए है।”
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि 21वीं शताब्दी में विश्व को भारत से बहुत सी अपेक्षाएं है और भारत उन्हें अपनी जिम्मेदारी के तौर पर समझता है, भारत ने अपने लक्ष्यों को वैश्विक भलाई के लक्ष्य से जोड़ा है। इसी संदर्भ में उन्होंने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में ‘एक सूरज-एक दुनिया, एक धरती-एक स्वास्थ्य,’ जलवायु परिवर्तन से अस्तित्व का संकट झेल रहे द्वीप देशों के बुनियादी ढांचे में सुधार की वैश्विक पहल तथा पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली के लिए मिशन लाईफ का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना रखता है। काेविड के समय भारत ने इंडोनेशिया सहित दुनिया की तमाम देशों के लिए सुरक्षा कवच उपलब्ध कराने का काम किया है।
इंडोनेशिया में रह रहे भारतीय समुदाय के विशाल उपस्थिति को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने भारत और इंडोनेशिया के संबंधों की विशिष्टता का उल्लेख करते हुए कहा कि इंडोनेशिया आने पर हर भारतीय को एक अलग अनुभूति होती है और वह इस अनुभूति को अनुभव आज भी कर रहे हैं।
श्री मोदी ने इंडोनेशिया के साथ भारत के संबंधों पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि लोग कहते हैं कि इंडोनेशिया भारत से 90 समुद्री मील दूर है पर हम कहते हैं कि हम 90 समुद्री मील नजदीक हैं। ” उन्होंने दोनों देशों के बीच प्राचीन सांस्कृतिक एवं व्यापारिक संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि इस भूमि से भारत का हजारों वर्षों का नाता रहा है। इस भूमि ने हजारों वर्ष से पीढ़ी दर पीढ़ी इस रिश्ते को जाना-समझा और जीवंत रखा है। हर भारतीय ऐसी धरती पर आकर एक अलग आनंद की अनुभूति करता है।
उन्होंने बाली को ऋषि मार्कंडेये और मुनि अगस्त्य के तप की पवित्र भूमि बताते हुए कहा, “भारत में अगर हिमालय है तो बाली में आगुंग पर्वत है, भारत में अगर गंगा हैं तो बाली में तिर्था गंगा हैं। हम भी भारत में शुभ कार्य का श्री गणेश करते हैं तो यहां भी घर-घर में गणेश विराजमान हैं, सार्वजनिक स्थान पर शुभता फैला रहे हैं।” उन्होंने इसी संदर्भ में यहां पूर्णिमा के व्रत और एकादशी की महिमा और त्रिकाल संध्या के जरिये सूर्य की उपासना की परंपरा और ज्ञान की देवी सरस्वती की अराधना का भी जिक्र किया। उन्होंने इंडोनेशिया में भारत से आए खासकर सिंधी और गुजराती परिवार द्वारा स्थानीय व्यापार, उद्यम और कृषि में योगदान तथा चार्टड एकाउंटेंट, इंजीनियर जैसे पेशेवरों के योगदान को उल्लेख करते हुए भारतीय समुदाय को अपनी इस कर्म भूमि के विकास में पूरा योगदान करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “अगर हम कहते हैं कि दुनिया बहुत छोटी है, भारत और इंडोनेशिया के संबंधों को देखने पर यह बात बहुत सटीक बैठती है।” उन्हाेंने कहा कि आज जब यह समारोह चल रहा है तो यहां से डेढ़ हजार किलोमीटर दूर भारत के कटक शहर में महानदी के किनारे ‘बाली जात्रा’ का उत्सव मनाया जा रहा है। यह महोत्सव भारत और इंडोनेशिया के बीच हजारों वर्षों के व्यापारिक संबंधों का उत्सव है।
उन्होंने भारत और इंडोनेशिया के लोगों के पतंग उड़ाने के शौक का जिक्र किया और पहले की यात्रा में पूर्व राष्ट्रपति श्री युद्धोयोनो के साथ अपने पतंग उड़ाने के सुखद अनुभव का भी जिक्र किया। इससे पहले समारोह में प्रधानमंत्री को संबोधन के लिए आमंत्रित करते हुए कहा गया कि इंडोनेशिया में भारतीय समुदाय के लोगों को बड़े सम्मान के साथ देखा जाता है और भारतीय समुदाय रोजगार छीनने वाला नहीं, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार पैदा करने वाले समाज के रूप में देखा जाता है।
उन्होंने कहा कि इंडोनेशिया भारत से दो साल पहले आजाद हुआ था। भारत को उससे बहुत कुछ सीखने को मिल सकता है और इसी तरह इंडोनेशिया भी भारत से बहुत कुछ सीख सकता है तथा बहुत कुछ प्राप्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि भारत ने दुनिया में अपनी अलग पहचान बनायी है और विश्वभर के कई कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) है। विश्व के हर यूनिकार्न (एक अरब डालर की हैसियत से ऊपर की नयी कंपनी) में औसत एक कंपनी भारत की है। उन्हाेंने कहा कि भारत डिजिटल लेनेदेन में दुनिया में नंबर एक है, आईटी आउटसोर्स में नंबर एक है, स्मार्ट फोन डाटा में नंबर एक है और कई सामान्य दवाओं और वैक्सीन के उत्पादन में भी नंबर एक है। वर्ष 2014 के पहले भारत और आज के भारत में बहुत बड़ा फर्क है।
श्री मोदी ने सभा में भारत के दाउदी बोहरा समुदाय के लोगों की उपस्थिति का विशेष रूप से उल्लेख किया और कहा कि मैं जहां भी जाता हूँ वहां कोई मिले या न मिले हमारा दाउदी बोहरा परिवार मिल ही जाता है।
प्रधानमंत्री ने इंडोनेशिया में रह रहे भारतीय समुदाय को अगले वर्ष नौ जनवरी को स्वच्छ शहर इंदौर में होने वाले अगले प्रवासी भारतीय सम्मेलन भाग लेने के लिए विशेष रूप से आमंत्रण दिया। उन्होंने कहा कि न केवल आप अपने परिवार के साथ आइये, बल्कि अपने साथ एक इंडोनेशियाई परिवार को भी साथ में लाइये। वहां से आप अहमदाबाद भी आइए जहां उन्हीं दिनों मकर संक्राति पर्व पर पतंग उत्सव होता है।