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चेन्नई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) ने गगनयान मिशन के क्रू मॉडयूल की सुरक्षित लैंडिंग के लिए इंटीग्रेटेड मेन पैराशूट एयरड्रॉप टेस्ट(आईमैट) का सफल परीक्षण कर लिया है।

विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र जहां गगनयान को लेकर कई गतिविधियां हो रहीं हैं। इसी केंद्र ने उत्तर प्रदेश के झांसी जिले की बबीना फील्ड फायरिंग रेंज में शुक्रवार को यह सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण की सफलता ने देश के इंसान को अंतरिक्ष में भेजने के पहले मिशन ‘गगनयान’ को बहुत बल मिला है।

इस टेस्ट में पैराशूट की ताकत और क्षमता का परीक्षण किया जा रहा था ताकि भविष्य में गगनयान के क्रू मॉड्यूल की लैंडिंग के समय दिक्कत न हो। इस टेस्ट में क्रू मॉड्यूल के भार के बराबर पांच टन का भार को हवो में 2़ 5 किलोमीटर ऊपर ले जाकर वायुसेना के विमान आईएल-76 से गिराया गया। दो छोटे पायरो बेस्ड मोरटार आधारित पायलट पैराशूट और इसके बाद मेन पैराशूटखुला।

मेन पैराशूट के खुलने से भार की जमीन की ओर गिरने की रफ्तार कम हुई और दो से तीन मिनट में भार सुरक्षित जमीन पर उतर गया।
क्रू मॉड्यूल इसरो और डीआरडीओ के सम्मिलित प्रयास से बनाया गया है। देश के गगनयान मिशन की सफलता में देश की प्रमुख एजेंसियां इसरो, डीआरडीओ, भारतीय वायुसेना और भारतीय सेना मिलकर काम कर रही हैं।