
0 चार दिवसीय दौरे पर छत्तीसगढ़ पहुंचे भाजपा के नए प्रदेश प्रभारी ओम माथुर
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के नए प्रदेश प्रभारी ओम माथुर सोमवार को छत्तीसगढ़ के चार दिवसीय दौरे पर रायपुर पहुंचे। रायपुर एयरपोर्ट पहुंचने पर सांसद सुनील सोनी और विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने उनका स्वागत किया। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव भी मौजूद रहे। श्री माथुर यहां से सीधे भाजपा कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान माथुर ने कहा कि छत्तीसगढ़ हमारे लिए कोई चुनौती नहीं है. बड़ी-बड़ी चुनौती हमने देखी है। यहां कोई चुनौती नहीं है।
भाजपा के नए प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने कहा कि यूपी-गुजरात को भी चुनौती कहा जाता था। हमने करके दिखाया। आने वाले समय में भी छत्तीसगढ़ में भाजपा पूर्णतः जीतेगी और परमानेंट सत्ता रहेगी। भानुप्रतापपुर उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम के मामले पर ओम माथुर ने कहा कि यह 2019 का मामला है। 3 साल तक सोए थे क्या। यह झूठा आरोप है।
आने वाले समय में भाजपा की परमानेंट सत्ता आएगी
एयरपोर्ट पर मीडिया से चर्चा में ओम माथुर ने सबसे पहले कहा कि मैं छत्तीसगढ़ की जनता और धरती को प्रणाम करता हूं, देश की आजादी और संघर्षों में छतीसगढ़ का योगदान रहा है । मैं यहां के महापुरुषाें को प्रणाम करता हूं। 15 साल सत्ता में रही भाजपा अब विपक्ष में है इस सवाल के जवाब में ओम माथुर ने कहा कि सत्ता आती जाती रहती है, समय समय पर ये देखा जाता है। पर ये मानिए कि 15 साल सरकार थी। आने वाले समय में परमानेंट सत्ता आएगी भाजपा की। प्रदेश की चुनावी चुनौतियों को लेकर उन्होंने कहा कि भाजपा हर चुनाव को चुनौती मानकर चलती है, चाहे छोटा चुनाव हो या बड़ा। मेरे सामने ऐसे बहुत सी चुनौतियां आई हैं, 2016 यूपी देखा है मैंने। मैं छत्तीसगढ़ को कोई चुनौती नहीं मानता। आने वाला समय छत्तीसगढ़ में भाजपा का होगा।
चलेगा बैठक और मुलाकातों का दौर
ओम माथुर पहले दिन सोमवार को करीब डेढ़ बजे दोपहर के वक्त एयरपोर्ट पर उनका स्वागत हुआ। प्रदेश कार्यालय में उनके कार्यक्रम तय हैं। 22 नवंबर दूसरे दिन ओम माथुर कोर कमेटी, प्रदेश पदाधिकारी, मोर्चा, जिला प्रभारी, सह प्रभारी, जिला अध्यक्ष, संभागीय प्रभारी और प्रदेश महामंत्रियों की बैठक लेंगे। इसके बाद सांसदों और विधायकों से मुलाकात करेंगे। तीसरे दिन 23 नवंबर को मोर्चा के प्रदेश पदाधिकारी, सभी प्रकोष्ठों के संयोजकों और सह संयोजकों से मुलाकात करेंगे। आखिरी दिन 24 नवंबर को माथुर अपने कुछ व्यक्तिगत परिचित लोगों से मिलेंगे और एक विवाह कार्यक्रम में भी शामिल होंगे।