0 कोविशील्ड-कोवैक्सिन लेने वालों के लिए बूस्टर
नई दिल्ली। भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने शुक्रवार को भारत बायोटेक की इंट्रानेजल वैक्सीन 'फाइव आर्म्स' को इमरजेंसी यूज के लिए मंजूरी दे दी। इसे बूस्टर डोज के तौर पर दिया जाएगा। इसकी खुराक इंजेक्शन की जगह नाक के जरिए दी जाएगी।
भारत बायोटेक की इंट्रानेजल वैक्सीन का नाम BBV154 है। इसे प्राइमरी डोज के तौर पर इमरजेंसी यूज के लिए 6 सितंबर को मंजूरी मिली थी। वैक्सीन की खुराक 18 साल से ज्यादा के लोगों को दी जा सकती है। इसे दूसरे डोज के 6 महीने बाद दिया जाएगा।
इसकी खास बात यह है कि शरीर में जाते ही यह कोरोना के इन्फेक्शन और ट्रांसमिशन दोनों को ब्लॉक करती है। चूंकि इस वैक्सीन में किसी इंजेक्शन की जरूरत नहीं पड़ती, इसलिए इससे चोट लगने का कोई खतरा नहीं है। साथ ही हेल्थकेयर वर्कर्स को भी कोई खास ट्रेनिंग की जरूरत नहीं पड़ेगी।
वैक्सीन की 4 ड्रॉप्स काफी
इंट्रानेजल वैक्सीन को कोवैक्सिन और कोविशील्ड जैसी वैक्सीन्स लेने वालों को बूस्टर डोज के तौर पर दिया जा सकता है। भारत बायोटेक के मैनेजिंग डायरेक्टर और चेयरमैन डॉ. कृष्णा एल्ला के मुताबिक, पोलियो की तरह इस वैक्सीन की भी 4 ड्रॉप्स काफी हैं। दोनों नॉस्ट्रिल्स में दो-दो ड्रॉप्स डाली जाती हैं।
अब तक 219.89 करोड़ वैक्सीन डोज लगीं
स्वास्थ्य मंत्रालय के डेटा के अनुसार, वैक्सीनेशन ड्राइव की शुरुआत से अब तक 219.89 करोड़ वैक्सीन डोज लगाई जा चुकी हैं। वहीं, 22 करोड़ से ज्यादा लोगों को बूस्टर डोज दी जा चुकी है। 12 से 14 साल की उम्र के 7 करोड़ बच्चों को भी वैक्सीन दी जा चुकी है।