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रायपुर। प्रदेश में भानूप्रतापुर उपचुनाव का हल्ला है। भाजपा कांग्रेस दोनों दल एक दूसरे को घेर रहे हैं। इस बीच बालोद जिले में एक अविश्वास प्रस्ताव कांग्रेस हार चुकी है। इतना ही नहीं कांग्रेस के अपने पार्षद ने भाजपा के पक्ष में वोट कर अपने ही दल को चोट पहुंचा दी है। मामला गुंडरदेही नगर पंचायत से जुड़ा है।

हाल ही में भ्रष्टाचार और जनता के कामों में लापरवाही के आरोप लगाकर कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई थी। कांग्रेस के विधायक कुंवर सिंह निषाद ने मोर्चा संभाल रखा था। कांग्रेस इस नगर पंचायत में अविश्वास प्रस्ताव के साथ तख्ता पलट करने की कोशिश में थी। मगर इसमें अब नाकामयाबी हाथ लगी है। इस नगर पंचायत में भाजपा की अध्यक्ष रानू सोनकर का दबदबा कायम है।

क्रास वोटिंग हुई, कांग्रेसी पार्षद गए भाजपा में
अविश्वास प्रस्ताव पर गुंडरदेही नगर पंचायत में सोमवार की दोपहर वोटिंग की गई। एक कांग्रेसी पार्षद ने भाजपा के लिए वोट कर दिया। एक कांग्रेसी पार्षद कुछ वक्त पहले ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुका है। पार्टी की तरफ से इस अविश्वास प्रस्ताव को ध्वस्त करने का जिम्मा प्रभारी के रूप में भाजपा प्रदेश प्रवक्ता केदार गुप्ता को मिला था।

इस विश्वास प्रस्ताव में भाजपा ने 10 वोट हासिल किए और कांग्रेस ने 5। यहां वर्तमान में भाजपा के 9 पार्षद हैं और कांग्रेस के 6। इस जीत के बाद बालोद जिला भाजपा अध्यक्ष कृष्ण कांत पवार ने कहा कांग्रेस के झूठे दावों का पोल नतीजों ने खोल दी। षडयंत्र पूर्वक ये अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था इस वजह से खुद कांग्रेस के लोगों ने ही उनका साथ नहीं दिया।

कांग्रेस को जनता नकार रही
इस जीत के बाद केदार गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस को जनता नकार रही है। गुंडरदेही से इसकी शुरूआत हो चुकी है। ये पहला अविश्वास प्रस्ताव है जिसमें कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है। गुंडरदेही क्षेत्र की जनता ने नगर पंचायत में भाजपा पर विश्वास जताया है। गुप्ता ने ये भी कहा कि खुद कांग्रेस के कई नेता अपने ही दल से असंतुष्ट हैं। वो हमारे संपर्क में हैं, आने वाले दिनों में और भी कांग्रेसी भाजपा में शामिल होंगे और संगठन को मजबूत करते हुए क्षेत्र के विकास में अपना योगदान देंगे।