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नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े श्रमिक संगठन भारतीय मजदूर संघ ने असंगठित क्षेत्र के मजदूरों, कृषि मजदूरों और सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से जुड़े कर्मियों पर विशेष ध्यान देने की मांग करते हुए कहा है कि देश में न्यूनतम ईपीएस पेंशन पांच हजार प्रतिमाह होनी चाहिए।

बीएमएस ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बजट पूर्व विचार विमर्श के दौरान कहा है कि अगले आम बजट की दिशा ग्रामीण अर्थव्यवस्था, असंगठित क्षेत्र के कामगार, छोटे कारोबार और समाज के वंचित तबके के कल्याण की ओर होनी चाहिए। ऑनलाइन हुए इस विचार विमर्श में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भगवत कराड और पंकज चौधरी तथा मंत्रालय के वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। कल देर शाम हुई इस बैठक में बीएमएस ने केंद्रीय वित्त मंत्री को एक ज्ञापन भी सौंपा।

बीएमएस ने ज्ञापन में कहा है कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता और मध्यान्ह भोजन से जुड़े कर्मियों का मासिक वेतन बढ़ाया जाना चाहिए। इन सभी कर्मियों को कर्मचारी राज्य बीमा निगम की स्वास्थ्य योजना के दायरे में लाया जाना चाहिए।

बीएमएस ने कहा कि देश में न्यूनतम पेंशन 5000 रुपए प्रतिमाह की जानी चाहिए। ज्ञापन में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की ईपीएस पेंशन योजना - 95 के सेवानिवृत्त कर्मचारियों का भी उल्लेख किया गया। सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने की मांग भी की गई।
बीएमएस ने इन सभी कर्मचारियों को आयुष्मान भारत योजना के तहत लाने का सुझाव दिया है।

बैठक के दौरान बीएमएस के नेताओं ने सरकारी उपक्रमों में विनिवेश और उनके निजी करण का मुद्दा भी उठाया। बीएमएस ने कहा कि सरकारी उपक्रमों को बंद करने या निजी हाथों में देने की बजाय इन्हें मुनाफे में लाने के उपाय किए जाने चाहिए । सरकारी उपक्रमों के घाटे का जिम्मेदार प्रबंधन को ठहराया जाना चाहिए। श्रमिक संगठन ने एनटीसी मिल्स, हेवी इंजीनियरिंग लिमिटेड और एचएमटी के कर्मचारियों का बकाया चुकाने की भी मांग की।

कर्मचारियों को ठेका प्रणाली पर रखने पर चिंता व्यक्त करते हुए बीएमएस ने कहा कि कर्मचारियों को चरणबद्ध तरीके से नियमित किया जाना चाहिए। बीएमएस ने कहा कि कर्मचारियों के कौशल विकास के लिए ज्यादा धन उपलब्ध कराया जाना चाहिए।