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रायपुर। विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन शुक्रवार को आरक्षण संशोधन विधेयक पर जोरदार बहस हुई। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि वे बिल के समर्थन में है, लेकिन इस पर चर्चा को 9 दिसंबर तक टाल दी जाए। नेता प्रतिपक्ष श्री चंदेल ने कहा कि आरक्षण से भानुप्रतापपुर उपचुनाव में लाभ लेने की कोशिश की जा रही है। विपक्षी सदस्यों ने लंबित मामले पर विधेयक नियमों के खिलाफ भी करार दिया। 

चर्चा के दौरान श्री चंदेल ने विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि आरक्षण पर चर्चा को 9 दिसंबर तक के लिए टाल दी जाए। चुनाव आयोग से इस पर अनुमति लेनी चाहिए। विपक्षी सदस्यों ने कहा कि वे आरक्षण के समर्थन में हैं, लेकिन नियम कायदों का पालन होना चाहिए। 

इस दौरान सत्ता और विपक्षी सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया और मंत्री अमरजीत सिंह भगत ने आरोप लगाया कि विपक्षी सदस्य आरक्षण के खिलाफ है। इस बीच सत्ता पक्ष के सदस्य बृहस्पत सिंह ने भी विपक्ष पर आरोप लगाया। 

चर्चा के दौरान भाजपा सदस्य बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कोर्ट में लंबित मामले पर विधेयक लाना नियमों के विरुद्ध है। एक चुनाव जीतने के लिए नियमों को ताक पर रखना गलत है। सरकार बहुमत में है, इसका मतलब यह नहीं कि कि नियम कानून को ताक पर रखकर काम किया जाए। श्री अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में युवाओं और छात्रों के साथ खिलवाड़ नहीं होना चाहिए। एक चुनाव में वोट के लिए लाखों लोगों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि बाद में विद्यार्थियों को परेशानी उठानी पड़ेगी। 

इस पर संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि कोर्ट में लंबित विषय और विधेयक के बिंदु अलग-अलग है। अगर नियम विरुद्ध कानून पाएंगे तो उसका लाभ नहीं मिल पाएगा। सारी भर्तियां तीन महीने से रोक दी गई है। कोई काम करना है तो नियम बनाकर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम आरक्षण के समथर्न में है। इस दौरान सत्ता पक्ष के सदस्यों ने साथ नोकझोंक हुई। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्रवाई स्थगित कर दी। 

Chhattisgarh politics News: नेताप्रतिपक्ष नारायण चंदेल