गुवाहाटी। तवांग में भारत-चीन सेना के बीच झड़प के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नॉर्थ-ईस्ट में मेघालय और त्रिपुरा पहुंचे। वे रविवार को शिलॉन्ग में नॉर्थ ईस्टर्न काउंसिल (NEC) के 50 साल पूरे होने पर गोल्डन जुबली कार्यक्रम में शामिल हुए।
मोदी इस कार्यक्रम में मेघालय की ट्रेडिशनल ड्रेस पहनकर पहुंचे। इसके बाद पीएम मोदी ने त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में रोड शो भी किया। मोदी ने अगरतला में 4350 करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
त्रिपुरा को पहला डेंटल कॉलेज मिला
अगरतला की जनसभा में मोदी ने कहा कि पहले नॉर्थ ईस्ट की चर्चा केवल चुनाव होने या हिंसा होने पर होती थी। आज नॉर्थ इस्ट की चर्चा सफाई, विकास, गरीबों को घर मिलने और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए हो रही है। त्रिपुरा छोटे राज्यों में सबसे स्वच्छ राज्य है। मैं त्रिपुरा के लोगों को स्वच्छता को जनआंदोलन बनाने के लिए बधाई देता हूं। 5 साल में त्रिपुरा में बहुत तेजी से विकास हुआ। त्रिपुरा को आज पहला डेंटल कॉलेज मिला है। इससे त्रिपुरा के युवाओं को यहीं पर डॉक्टर बनने का अवसर मिलेगा।
हमारा फोकस सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाना
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 8 साल में नॉर्थ ईस्ट सेक्टर में कई नेशनल हाईवे बने हैं। कई ग्रामीण इलाके सड़कों से भी जुड़े हुए हैं। हमारी डबल इंजन सरकार का फोकस फिजिकल, डिजिटल के साथ-साथ सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने पर है। त्रिपुरा के जरिए अब नॉर्थ ईस्ट इंटरनेशनल ट्रेड का भी एक गेटवे बन रहा है। अगरतला-अखौरा रेलवे लाइन से व्यापार का नया रास्ता खुलेगा। इसी तरह भारत, थाइलैंड, म्यामांर हाइवे रोड इंफ्रास्ट्रक्चर के जरिए नॉर्थ ईस्ट दूसरे देशों के साथ संबंधों का द्वार भी बन रहा है।
जनजातीय समुदाय से जुड़े हर मुद्दे हमारी प्राथमिकता
मोदी ने कहा कि अटल जी की सरकार ने सबसे पहले आदिवासियों के लिए अलग मंत्रालय, अलग बजट की व्यवस्था की। जबसे आपने दिल्ली में हमें अवसर दिया है, तबसे जनजातीय समुदाय से जुड़े हर मुद्दे को हमने प्राथमिकता दी है। आदिवासी समुदाय की पहली पसंद बीजेपी है। हाल के गुजरात चुनावों में, बीजेपी ने आदिवासी समुदायों के लिए आरक्षित 27 सीटों में से 24 पर जीत हासिल की। हमने आदिवासी समुदाय से जुड़े मुद्दों को महत्व दिया है।
आज डबल इंजन सरकार का प्रयास है कि त्रिपुरा के छोटे किसानों, छोटे उद्यमियों और सबको बेहतर अवसर मिले। यहां का लोकल कैसे ग्लोबल बने इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।