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नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा पर तनातनी के बीच रक्षा मंत्रालय ने बड़ा फैसला किया है। रक्षा मंत्रालय ने रविवार को भारतीय सशस्त्र बलों के लिए 120 प्रलय बैलिस्टिक मिसाइलों की खरीद को मंजूरी दे दी है। प्रलय को चीन और पाकिस्तान के साथ लगी सीमाओं पर तैनात किया जाएगा। प्रलय बैलिस्टिक मिसाइलें 150 से 500 किलोमीटर तक के लक्ष्य को भेद सकती हैं। इंटरसेप्टर मिसाइलों के माध्यम से प्रलय को रोकना दुश्मन के लिए बेहद मुश्किल है।

ये पहली बार होगा जब बैलिस्टिक मिसाइलों को सामरिक अभियानों में इस्तेमाल किया जाएगा।  ये मिसाइलें 150 से 500 किलोमीटर के बीच दुश्मन के ठिकानों को तबाह कर सकती हैं।  शीर्ष सरकारी सूत्रों ने बताया कि राकेट बलों को बनाने की परियोजना को बढ़ावा मिला है, क्योंकि लगभग 120 प्रलय बैलिस्टिक मिसाइल खरीदने के प्रस्ताव को एक उच्च स्तरीय रक्षा मंत्रालय की बैठक से मंजूरी मिल गई है। 

उन्होंने बताया कि मिसाइलों का अब बड़ी संख्या में उत्पादन किया जाएगा और निकट भविष्य में परिचालन सेवा में शामिल होने के लिए तैयार होने की उम्मीद है। यह परियोजना सशस्त्र बलों के लिए रणनीतिक रॉकेट बल बनाने के लिए एक बड़ा बढ़ावा होगी। जैसा कि दिवंगत चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत द्वारा किया जा रहा था। 

बता दें कि हाल ही में नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा था कि दिवंगत जनरल बिपिन रावत सीमा पर दुश्मनों का मुकाबला करने के लिए एक रॉकेट बल के निर्माण पर काम कर रहे थे। मिसाइल का पिछले साल दिसंबर में लगातार दो दिनों में दो बार सफल परीक्षण किया गया था और तब से सेना इसके अधिग्रहण और शामिल करने की दिशा में काम कर रही है। 150 से 500 किमी की सीमा के साथ 'प्रलय' ठोस प्रणोदक रॉकेट मोटर और अन्य नई तकनीकों से संचालित है।

सुरक्षा बलों को मिलेगा बल
मिसाइल मार्गदर्शन प्रणाली में अत्याधुनिक नेविगेशन और एकीकृत वैमानिकी शामिल है। प्रलय सतह से सतह पर मार करने वाली अर्ध बैलिस्टिक मिसाइल है। इंटरसेप्टर मिसाइलों को हराने में सक्षम होने के लिए एडवांस मिसाइल को विकसित किया गया है।  हवा में एक निश्चित दूरी तय करने के बाद इसमें अपना रास्ता बदलने की क्षमता है। सूत्रों ने कहा कि इस तरह की मिसाइलें अपने सैनिकों को दुश्मन के हवाई रक्षा स्थलों या इसी तरह के उच्च मूल्य के लक्ष्यों को पूरी तरह से नष्ट करने या बाहर निकालने की जबरदस्त क्षमता देती हैं। 

टारगेट के 33 फीट दायरे में जो आया वो खत्म
प्रलय की टारगेट ध्वस्त करने की सटीकता 10 मीटर यानी 33 फीट है। यानी टारगेट से 33 फीट के दायरे में यह मिसाइल गिरती है, तो भी उतना ही नुकसान करेगी, जितना सटीक निशाने पर गिरती तो करती। छोटी दूरी होने का फायदा ये है कि इसे आप देश की पश्चिमी या पूर्वी या उत्तरी सीमा पर तैनात करके दागते हैं तो सिर्फ वहीं इलाका नष्ट होगा, जितना आपको बर्बाद करना है। 

रात में भी कर सकती है हमला
प्रलय मिसाइल की गति करीब 2000 किलोमीटर प्रतिघंटा हो सकती है। अगर पड़ोसी देशों की बात करें तो चीन के पास इस स्तर की डोंगफेंग-12 मिसाइल है, जबकि, पाकिस्तान के पास गजनवी, एम-11 (चीन से मिली) और शाहीन मिसाइल है। इनमें से गजनवी 320 KM, एम-11 350 KM और शाहीन 750 KM रेंज की मिसाइलें हैं।  माना जा रहा है कि प्रलय में रात में भी हमला करने की तकनीक लगाई गई है। यानी चीन के ठिकानों पर रात में भी हमला संभव है। यानी इसमें इंफ्रारेड या थर्मल स्कैनर लगा होगा जो रात में हमला करने में मदद करता है। 

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