Head Office

SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH

tranding

0 पीएम मोदी ने कहा- भारत स्किल कैपिटल, यह दुनिया के विकास का इंजन बन सकता है
0 पीएम ने 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन को संबोधित किया

इंदौर।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के मेजबान शहर मध्यप्रदेश के इंदौर की सांस्कृतिक विरासत की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि इंदौर सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि एक 'दौर' है, जो समय से आगे चलता है फिर भी विरासत को समेटे रहता है। इंदौर पूरी दुनिया में लाजवाब है। मोदी ने कहा कि आज दुनिया भारत की सुनती है। भारत में स्किल कैपिटल बनने का सामर्थ्य है, यह दुनिया के विकास का इंजन बन सकता है। भारत के पास सक्षम युवाओं की बड़ी तादाद है। हमारे युवाओं के पास स्किल भी है, वैल्यूज भी हैं। काम करने के लिए जरूरी जज्बा और ईमानदारी भी है।

श्री मोदी यहां आयोजित 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के औपचारिक उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली, सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी, मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, विदेश मंत्री एस जयशंकर समेत कई अन्य गणमान्य लोग और बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीय उपस्थित थे।

पीएम मोदी ने इंदौर की तारीफ करते हुएकहा कि इंदौर दुनिया में लाजवाब है। लोग कहते हैं कि इंदौर एक शहर है, लेकिन मैं कहता हूं कि इंदौर एक दौर है, जो समय से आगे चलता है। श्री मोदी ने प्रवासी भारतीय समुदाय काे इंदौर शहर के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इंदौर ने स्वच्छता के क्षेत्र में देश में एक अलग पहचान स्थापित की है। खाने पीने के मामले में भी इंदौर पूरी दुनिया में लाजवाब है। इंदौरी नमकीन का स्वाद, यहां का पोहा, साबूदाने की खिचड़ी, कचौड़ी, समोसे, शिकंजी, जिसने इसे देखा उसके मुंह का पानी नहीं रुका और जिसने इन्हें चखा वह कहीं और मुड़कर नहीं देखा।
उन्होंने इसी क्रम में स्ट्रीट फूड के लिए बेहद प्रसिद्ध इंदौर की छप्पन दुकान और सराफा का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यही वजह है कि कुछ लोग इंदौर को स्वच्छता के साथ-साथ स्वाद की राजधानी भी कहते हैं।

श्री मोदी ने कहा कि इंदौर अपने आप में अद्भुत है। उन्होंने कहा कि लोग कहते हैं कि इंदौर एक शहर है, लेकिन उन्हें (श्री मोदी को) लगता है कि इंदौर एक दौर है। यह वह दौर है जो समय से आगे चलता है, फिर भी विरासत को समेटे रहता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह प्रवासी भारतीय सम्मेलन मध्यप्रदेश की उस धरती पर हो रहा है जिसे देश का ह्रदय क्षेत्र कहा जाता है। प्रदेश में मां नर्मदा का जल, यहां के जंगल, आदिवासी परंपरा, यहां का आध्यात्म, ऐसा कितना कुछ है जो यात्रा को अविस्मरणीय बनाएगा। उन्होंने सम्मेलन में आए प्रवासी भारतीयों से इंदौर से सटे उज्जैन स्थित श्री महाकाल लोक और भगवान महाकालेश्वर के दर्शन का भी अनुरोध किया।

इस तीन दिवसीय सम्मेलन की शुरुआत कल हुई थी, हालांकि इसका औपचारिक उद्घाटन आज प्रधानमंत्री श्री मोदी ने किया। सम्मेलन का समापन समारोह कल होगा। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी उपस्थित रहेंगी।

उज्जैन जाकर भव्य महाकाल जरूर देखें
मोदी ने कहा MP में मां नर्मदा का जल, जंगल, आदिवासी परंपरा और यहां बहुत कुछ है, जो आपकी यात्रा को अविस्मरणीय बनाएगा। उज्जैन में भी भव्य महाकाल लोक का विस्तार हुआ है। आप सभी वहां जाएं और महाकाल का आशीर्वाद लें।

NRI विदेशी धरती पर भारत के राष्ट्रदूत
दुनिया के अलग-अलग देशों में भारत के लोगों की एक कॉमन तस्वीर दिखती है, तो वसुधैव कुटुम्बकम की भावना उसके साक्षात दर्शन कराती है। दुनिया में जब सबसे अनुशासित और शांतिप्रिय लोगों की चर्चा होती है, तो मदर ऑफ डेमोक्रेसी का गौरव बढ़ जाता है। जब विश्व हमारा आकलन करता है, तो सशक्त और समर्थ भारत की आवाज सुनाई देती है। इसीलिए मैं सभी प्रवासी भारतीयों को विदेशी धरती पर भारत का राष्ट्रदूत यानी ब्रांड एम्बेस्डर कहता हूं।

दुनिया का 40% कैशलेस ट्रांजेक्शन अकेले भारत में
पिछले कुछ साल में भारत ने विकास की जो गति और उपलब्धि हासिल की है, वो अविस्मरणीय है। जब कैशलेस ट्रांजेक्शन की बात होती है, तो दुनिया के 40% ट्रांजेक्शन भारत में होते हैं। भारत 1 मिनट में 100-100 सैटेलाइट लॉन्च करने का रिकॉर्ड बना रहा है। हमारी ताकत दुनिया देख रही है। ये दमखम भारत से जुड़े हर व्यक्ति का सीना चौड़ा कर देता है। भारत की ताकत आने वाले दिनों में और ज्यादा बढ़ने वाली है। भारत को लेकर क्यूरियोसिटी भी बढ़ेगी। ऐसे में भारत से बाहर रहने वाले भारतीयों की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है।

दुनिया को भारत के बारे में बताने का बड़ा अवसर
इस साल भारत दुनिया के G-20 सम्मेलन की अध्यक्षता भी कर रहा है। भारत इस जिम्मेदारी को अवसर के रूप में देख रहा है। हमारे लिए ये दुनिया को भारत के बारे में बताने का अवसर है। ये दुनिया के लिए भारत के अनुभवों से सीखने का, पुराने अनुभवों से सस्टेनेबल फ्यूचर की दिशा तय करने का अवसर है। हमें G-20 को केवल डिप्लोमैटिक आयोजन नहीं, बल्कि जनभागीदारी का आयोजन बनाना है, इसलिए भारत में देश अतिथि देवो भव: की जनभावना का दर्शन करेंगे। आप उनको भारत के बारे में बता सकते हैं।

दुनिया में क्यूरियोसिटी होती है कि भारत कैसे कर रहा है
कोरोना महामारी के बीच कुछ महीनों में ही भारत अपनी वैक्सीन बनाता है। 220 करोड़ डोज फ्री लगाने का रिकॉर्ड बनाता है। वैश्विक अस्थिरता के बीच भारत उभरती हुई इकोनॉमी बनता है। भारत टॉप फाइव इकोनॉमी में शामिल होता है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप ईको सिस्टम बनता है। मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग, इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में मेक इन इंडिया का डंका बजता है। जब भारत अपने दम पर तेजस फाइटर प्लेन, आइएनएस विक्रांत और अरिहंत जैसी न्यूक्लियर सबमरीन बनाता है तो दुनिया में क्यूरियोसिटी होती है कि भारत क्या कर रहा है। कैसे कर रहा है?

विदेशों में पले-बढ़े युवा देश के बारे में जानना चाहते हैं
भारत के पास वो प्रवासी युवा भी हैं, जो भारत से जुड़े हैं। नेक्स्ट जेनरेशन युवा, जो विदेश में जन्मे हैं, वहीं पले-बढ़े हैं, वे अपने माता-पिता के देश के बारे में जानना चाहते हैं। ये हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनको भारत के बारे में बताएं। उनको भारत दिखाएं भी। ये युवा फ्यूचर वर्ल्ड को भारत के बारे में अच्छे से बताएंगे। जितनी युवाओं में जिज्ञासा बढ़ेगी, उतना ही पर्यटन बढ़ेगा। रिसर्च बढ़ेगी। युवा भारत के पर्वों के दौरान, मेलों के दौरान भी आ सकते हैं। आज भारत का ये वादा है, आप दुनिया में कहीं भी रहेंगे, देश आपके हित में आपके साथ रहेगा।

हमने सदियों पहले वैश्विक व्यापार की बुनियाद खड़ी की
हमारे यहां कहा जाता है- स्वदेशो भुवनत्रयम्, अर्थात हमारे लिए पूरा संसार ही हमारा देश है। इसी वैचारिक बुनियाद पर हमारे पूर्वजों ने भारत के सांस्कृतिक विस्तार को आकार दिया था। हम दुनिया के अलग-अलग कोनों में गए। हमने सदियों पहले वैश्विक व्यापार की बुनियाद खड़ी की थी। हम विदेश गए। अलग-अलग देशों अलग-अलग सभ्यताओं के बीच वैश्विक व्यापार से कैसे समृद्धि के रास्ते खोल सकते हैं? भारत ने और भारतीयों ने करके दिखाया।

भारतीय के सूरीनाम पहुंचने की 158वीं एनिवर्सिरी मना रहेः चंद्रिका प्रसाद संतोखी
सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी ने कहा कि हिंदी लैंग्वेज के स्कूलों पर हमारा फोकस है। यह सम्मेलन हम दोनों देशों के आपसी सहयोग को बढ़ाने में मददगार साबित होगा। मैं अगले 25 बरस के लिए परस्पर सहयोग के अनेक अवसर देखता हूं। भारतीय के सूरीनाम पहुंचने की हम 158वीं एनिवर्सिरी मना रहे हैं। दोनों देशों की कुछ साझा चिंताएं भी हैं। हमें परस्पर सहयोग से स्वास्थ्य के मुद्दे पर काम करना होगा। जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा संक्रमण और खाद्य सुरक्षा पर दोनों देशों को साथ मिलकर तेजी से काम करना होगा।

tranding
tranding
tranding