0 भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के दूसरे दिन सामाजिक एवं आर्थिक प्रस्ताव पारित किया गया
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दूसरे दिन आज सामाजिक एवं आर्थिक प्रस्ताव पारित किया जिसमें भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए अवसंरचना, डिजीटल एवं कारोबारी वातावरण के विकास के साथ ही एक समावेशी सर्वस्पर्शी समाज बनाने की दिशा में कारगर पहल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की सराहना की गयी।
कार्यकारिणी में पारित सामाजिक एवं आर्थिक प्रस्ताव की जानकारी देते हुए केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने संवाददाताओं को बताया, “आज कार्यकारिणी बैठक का दूसरा दिन है। कल उद्घाटन के उपरांत राजनीतिक प्रस्ताव पारित हुआ था, आज पहले सत्र में सामाजिक और आर्थिक संकल्प पत्र पारित हो रहा है। इस प्रस्ताव को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस ने प्रस्तुत किया तथा विदेश एवं संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन और सांसद सुनीता दुग्गल ने अनुमोदन किया।”
उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा था कि उनकी सरकार सबका साथ सबका विकास की भावना से कार्य करेगी और यह बहुत ही उत्कृष्टता से सिद्ध हुआ है। हमारी सरकार केवल नारेबाजी में विश्वास नहीं करती है बल्कि काम करने एवं परिणाम लाने में यकीन करती है। उन्होंने कहा, “हम मन से काम करते हैं। सभी के कल्याण के लिए सामूहिक कार्य हमारा लक्ष्य है और यही हमारा दर्शन है।”
उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों में प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में एक समावेशी सर्वस्पर्शी समाज बनाने के लिए काम हो रहा है। विश्व की कठिन परिस्थितियों में भी श्री मोदी की विचार स्पष्टता और कुशल नीतियों के सफल क्रियान्वयन के कारण समाज का सशक्तिकरण हो रहा है। समाज के सभी वर्गों एवं अंतिम पंक्ति के लोगों के कल्याण के लिए काम किया गया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार किसानों के बारे में बहुत अधिक चिंतित है। उन्हें उनकी उपज का उचित मूल्य मिले, उनका कल्याण हो, यह सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न नीतियां एवं सुधार किये गये हैं।
श्री प्रधान ने कहा कि ‘वोकल फार लाेकल’, ‘एक जिला एक उत्पाद’ अब सरकार की बुनियादी नीतियों एवं सिद्धांतों में शामिल हो चुके हैं। इसी प्रकार भारतमाला, सागरमाला, समर्पित मालवहन काॅरीडोर, उड़ान योजना, भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क, इन सब ने 21 वीं सदी के भारत के लिए अवसंरचना क्षमता के विकास एवं विस्तार का काम किया है। नये भारत में हवाई चप्पल वाला अब हवाई जहाज़ में सफर कर सकता है। अंतरदेशीय जलमार्गों का विकास तेजी से हो रहा है। भारत में क्रूज़ पर्यटन अब किताबों में ही नहीं, बल्कि यह वास्तविकता हो गयी है।
उन्होंने कहा कि स्टार्टअप इंडिया के माध्यम से आज देश के नौजवान नौकरी पाने वाले की जगह नौकरी देने वाले बन रहे हैं। 100 से अधिक यूनिकॉर्न बने हैं। देश के नौजवान उद्यमी बन रहे हैं। डिजीटल क्षमताओं में विस्तार के साथ भारत डिजीटल उत्पादों के विनिर्माण के क्षेत्र में भी विश्व में अग्रणी शक्ति बन रहा है। कोविन ऐप दुनिया में उस तरह से कहीं नहीं है जैसा भारत में है। इस ऐप की मदद से आप टीका लगवाने के कुछ ही सेकेंडों में डिजीटल प्रमाणपत्र हासिल कर सकते हैं। यह डिजीटल जगत में अभूतपूर्व उपलब्धि थी।
उन्होंने कहा कि दूर-दराज के क्षेत्रों में आदिवासी बच्चों के शैक्षिक पाठ्यक्रम हेतु एकलव्य विद्यालय चलाए जा रहे हैं। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को सशक्त करने हेतु आरक्षण की व्यवस्था की गई है। हमें गुलामी की मानसिकता से बाहर आना है। इसलिए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ किया और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा कर्तव्यपथ की शोभा बढ़ा रही है।
श्री प्रधान ने कहा कि यदि विश्व में सौ रुपये का लेनदेन डिजीटल माध्यम से होता है तो 40 रुपए का लेनदेन भारत में होता है। दिसंबर 2022 में डिजीटल लेनदेन नयी ऊंचाई पर पहुंच गया है और यह केवल लेनदेन के अलावा श्री मोदी के नेतृत्व भारतीयों की तकनीक को अपनाने की क्षमता का परिचायक है। उन्होंने कहा, “यह विचित्र बात है कि जो लोग सात साल पहले डिजीटल इंडिया मिशन का उपहास उड़ाते थे, अब डिजीटल क्रांति के लाभ आनंद के साथ उठा रहे हैं।