नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारत में सुविधा संपन्न वर्ग के लोगों तथा युवाओं में चुनाव के प्रति उदासीनता को बुधवार को रेखांकित करते हुए नागरिकों से इस उदासीनता को त्यागने और मतदान को राष्ट्र निर्माण का काम समझ कर, इसमें योगदान करने की अपील की।
श्रीमती मुर्मू ने आज चुनाव प्रक्रिया में मतदाताओं की हिस्सेदारी बढ़ाने के निर्वाचन आयोग के प्रयासों की सराहना की है और आने वाले समय में मतदाताओं की हिस्सेदारी बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने के लक्ष्य के लिए आयोग को अग्रिम शुभकामनाएं दी हैं।
श्रीमती मुर्मू ने 13वें अंतरराष्ट्रीय मतदान दिवस पर निर्वाचन आयोग द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “सुविधा-संपन्न लोगों और युवाओं में चुनाव के प्रति अपेक्षाकृत कम उत्साह देखा जा रहा है। निर्वाचन आयोग ने भी मतदान के प्रति इस उदासीनता को रेखांकित किया है।”
राष्ट्रपति ने मतदान को राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया का हिस्सा बताते हुए, नागरिकों से राष्ट्र सर्वोपरि की भावना से मतदान में भाग लेने की अपील की। श्रीमती मुर्मू ने कहा, “मेरा सभी नागरिकों से आग्रह है कि आप सब मतदान को राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान समझें तथा राष्ट्र सर्वोपरि की भावना के साथ मतदान अवश्य करें।” उन्होंने कहा कि एक जन सेवक के रूप में उनका अनुभव रहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों और वंचित वर्गों के लोग चुनाव प्रक्रिया में अधिक आस्था रखते हैं और बढ़-चढ़ कर भागीदारी करते हैं।
श्रीमती मुर्मू ने निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लक्ष्य के लिए उसे अग्रिम शुभकामनाएं देते हुए कहा, “आज मतदाताओं की कुल संख्या लगभग 95 करोड़ हो गयी है तथा निर्वाचन आयोग द्वारा 75 प्रतिशत मतदान का लक्ष्य तय किया गया है। मैं इस लक्ष्य को प्राप्त करने के हर प्रयास की सफलता के लिए निर्वाचन आय़ोग तथा अन्य सभी प्रतिभागियों को अग्रिम बधाई देती हूं।” उन्होंने आंकड़ों के हवाले से कहा कि 1951-52 में पहले आम चुनाव में मतदाताओं की संख्या 17 करोड़ से कुछ अधिक थी और लगभग 45 प्रतिशत मतदान हुआ था जबकि 2019 में हुए पिछले आम चुनाव में मतदाताओं की संख्या 90 करोड़ से अधिक थी और 68 प्रतिशत से कुछ अधिक मतदान हुआ था।
राष्ट्रपति ने मतदाताओं को प्रेरित करने के लिए ‘कोई मतदाता न छूटें’ जैसे निर्वाचन आयोग के ध्येय वाक्यों की सराहना की। आयोग ने इस वर्ष राष्ट्रीय मतदाता का विषय रखा है ‘वोट जैसा कुछ नहीं वोट जरूर डालेंगे हम’। उन्होंने चुनाव प्रक्रिया को विशेषकर कमजोर आदिवासी समूहों और दिव्यांग , वृद्धि तथा ट्रांसजेंडर मतदाताओं के लिए अधिक सुविधाजनक और समावेशी बनाने के आयोग के प्रयासों पर प्रसन्नता जाहिर की।
श्रीमती मुर्मू ने मतदाताओं में जागरूकता पैदा करने तथा मतदान प्रक्रिया को संपन्न कराने में सराहनीय योगदान के लिए प्रशासनिक और पुलिस सेवा के अधिकारियों और उनकी टीमों के योगदान की सराहना की और इस प्रक्रिया को अधिक सक्षम बनाने वाले निष्ठावान अधिकारियों और कर्मचारियों को राष्ट्र सेवक कहलाने का हकदार बताया।
राष्ट्रपति ने इस अवसर पर निर्वाचन प्रक्रिया के विभिन्न आयामों में विशिष्ट योगदान देने वाले अधिकारियों और संस्थानों को सर्वोत्तम निर्वाचन परिपाटी के लिए राष्ट्रीय मतदाता दिवस पुरस्कार प्रदान किए। इस अवसर पर उन्होंने भारत में चुनाव प्रक्रिया से जुड़े प्रयासों की एक प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।