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0 कहा-जनता देश की मालिक, हम संविधान के हिसाब से काम करते हैं

नई दिल्ली। कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी को नकार दिया है। रिजिजू ने कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी है। जबकि यहां कोई किसी को चेतावनी नहीं दे सकता। हम जनता के सेवक हैं, हम संविधान के हिसाब से काम करते हैं। रिजिजू यूपी के प्रयागराज में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को जजों की नियुक्ति में हो रही देरी पर नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने केंद्र को चेतावनी देते हुए कहा कि हमें ऐसा स्टैंड लेने पर मजबूर न करें, जिससे परेशानी हो। इस पर केंद्र ने हलफनामा दाखिल कर बताया था कि सुप्रीम कोर्ट में 5 जजों की नियुक्ति के लिए भेजी सिफारिश अगले पांच दिन में मंजूर हो जाएगी। हालांकि केंद्र ने 24 घंटे की भीतर ही शनिवार को पांचों सिफारिशों को मंजूरी दे दी।

रिजिजू ने कहा कि मैंने देखा कि मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि 'सुप्रीम कोर्ट ने (कॉलेजियम पर) चेतावनी दी है। इस देश के मालिक यहां के लोग हैं, हम सिर्फ सेवक हैं। हमारी गाइड संविधान है। संविधान के अनुसार देश चलेगा। कोई किसी को चेतावनी नहीं दे सकता है। हम अपने आप को इस महान देश के सेवक के रूप में देखते हैं, वह अपने आप में बड़ी बात है। लोगों ने हमें मौका दिया है काम करने का। आप सब प्रिवेलेज लोग हैं, जज-वकील बने हैं...पढ़ लिखकर ही बने हैं। हम खुशकिस्मत हैं कि देश के लिए काम करने के लिए जिम्मेदारी मिली है।'

कॉलेजियम ने जजों के नाम की सिफारिश की थी
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 13 दिसंबर को सरकार से 5 नामों की सिफारिश की थी। इनमें जस्टिस पंकज मिथल चीफ जस्टिस राजस्थान हाईकोर्ट, जस्टिस संजय करोल चीफ जस्टिस पटना हाईकोर्ट, जस्टिस पी वी संजय कुमार चीफ जस्टिस मणिपुर हाईकोर्ट, पटना हाईकोर्ट के जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस मनोज मिश्रा का नाम शामिल था।