नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा एवं खेल मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत अब संकट में दूसरे देशों की ओर मुंह ताकने वाला देश नहीं रहा बल्कि वह अब अन्य देशों की मदद करने वाली ताकत बन गया है।
श्री ठाकुर ने आज शाम अपने आवास पर 'ऑपरेशन गंगा (डायरी ऑफ़ ए पब्लिक सर्वेंट)' नामक किताब का विमोचन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा,“ श्री मोदी के नेतृत्व में भारत की वैश्विक क्षमताओं में प्रभावी वृद्धि हुई है और आज हम विश्व से मदद नहीं मांगते बल्कि बाकी देश संकट में हमारी ओर देखते हैं।ऑपरेशन गंगा ने दुनिया को तिरंगे की ताक़त दिखा दी है। ऑपरेशन गंगा, कोरोना काल एवं अफ़ग़ानिस्तान संकट में वहां फँसे सभी भारतीयों को बिना किसी खरोंच के हम भारत वापस लाये। सिर्फ भारतीयों की हीं नहीं हमने अन्य देशों की भी मदद की। यूक्रेन में फंसे 18 देशों के 147 नागरिकों को भी हमने बचाया।"
श्री ठाकुर ने कहा, "ऑपरेशन गंगा के लिए 17 दिनों में 90 से ज्यादा उड़ानों की व्यवस्था की गयी। श्री मोदी ने अपने मंत्रिमंडल के चार मंत्रियों को विशेष दूत बनाकर रूस-यूक्रेन से लगे देशों की सीमाओं पर भेजा।
पोलैंड, स्लोवाकिया, रोमानिया, माल्डोवा, हंगरी इत्यादि देशों में हमारे मंत्रियों ने स्थानीय अधिकारियों से तालमेल कर छात्रों के लिए फैसिलिटेशन सेंटर उपलब्ध कराये। हमारे मंत्री वहां तब तक रुके जबतक हमारे सभी बच्चे सकुशल वापस ना आ गए।"
केंद्रीय मंत्री ने ऑपरेशन गंगा में भारतीय वायु सेना द्वारा चलाये गए 13 विशेष मिशनों का भी जिक्र किया। इसके साथ ही उन्होंने विषम परिस्थितियों में काम करने वाले विदेश मंत्रालय के अधिकारियों तथा ऑपरेशन गंगा में मदद करने वाले सामजिक संगठनों, प्रवासी भारतियों, सामाजिक व धार्मिक संगठनों, भारतीय कॉर्पोरेट हाउसेस के प्रयासों एवं सहयोग की भी सराहना की।
उन्होंने सीरिया, लीबिया, अफ़ग़ानिस्तान और नेपाल में भारतीय मदद एवं रेस्क्यू अभियानों की सराहना करते हुए कहा, "जहाँ दुनिया के बड़े से बड़े देशों के पसीने छूट जाते थे, वहां भारत ने शानदार कार्य किया। वसुधैव कुटुम्बकम् की बात दुनिया को कोविड काल में समझ आयी। भारत ने दुनिया के 101 देशों को 29 करोड़ वैक्सीन दिए। 190 देशों को पीपीइ किट एवं अन्य उपकरण दिए गए। "
केंद्रीय मंत्री ने पुस्तक के लेखक, मध्य प्रदेश कैडर के 2009 बैच के आईएएस अधिकारी तरुण पिथोड़े के प्रयासों की सराहना की और कहा कि ऐसे संस्मरण आगे चल कर डाक्यूमेंट्री बनाने में भी मददगार साबित होते हैं।
लेखक ने कहा कि पुस्तक में ऑपरेशन गंगा के दौरान तमाम दिलचस्प एवं रोमांचक घटनाओं को एक डायरी की भांति लिखा है और पाठकों को यह बहुत रुचिकर लगेगी।