0 नीतीश ने विपक्षी एकता पर कांग्रेस को दी सलाह
0 सलमान खुर्शीद बोले- पहले आई लव यू कौन कहेगा
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर विपक्षी एकता पर जोर दिया। पटना में शनिवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI-ML) के अधिवेशन में नीतीश ने कहा- अब कांग्रेस को निर्णय लेना होगा कि 2024 में क्या रणनीति होनी चाहिए और विपक्षी एकता को किस तरह से मजबूत करना चाहिए। यदि कांग्रेस इस बात पर तैयार हो जाए तो 2024 में भाजपा 100 सीटों के अंदर सिमट कर रह जाएगी।
नीतीश की सलाह पर कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा- नीतीश कुमार जी जो आप सोचते हैं, वो कांग्रेस भी सोचती है। बस बात इतनी सी है कि पहले आई लव यू कौन कहेगा। शनिवार को भाकपा माले के अधिवेशन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य भी शामिल हुए।
बस आपके फैसले का इंतजार है
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाकपा-माले के मंच से कहा कि विपक्ष एकता की कवायद चल रही है। आप लोगों के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। कई पार्टियां एकजुट होने के लिए तैयार हैं। बस आपके फैसले का इंतजार है। देश के हित में सोचेंगे तो आपको ही फायदा होगा और दोस्त को भी फायदा होगा। नीतीश कुमार ने कांग्रेस से कहा कि हमको कुछ नहीं चाहिए। हम चाहते हैं सभी एकजुट होकर 2024 में भाजपा का सामना करें। हम पहले भी साथ चल रहे थे, आगे भी साथ चलेंगे। सलमान खुर्शीद सामने बैठे हैं। हम लोगों ने विपक्षी एकता के लिए जाकर दिल्ली में संदेश दे दिया था। अब हम लोग कांग्रेस का इंतजार कर रहे हैं।
आलाकमान तक मैसेज देंगेः सलमान खुर्शीद
कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने नीतीश कुमार को जवाब देते हुए कहा कि हम आपकी बात को आलाकमान तक पहुंचा देंगे, मैं एक वकील हूं, आपकी वकालत कर दूंगा।
दीपंकर ने भी नीतीश की बातों में जताई सहमति
भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि आज देश में संविधान खतरे में है। ऐसे ऐसे में देश में जितनी विपक्षी पार्टियां हैं, उन सभी को एकजुट होना होगा और समय बहुत कम है। 2024 के चुनाव से पहले विपक्ष की एकता जरूरी है।
भाजपा मनुस्मृति की थ्योरी को संविधान बनाना चाहती है: तेजस्वी
डिप्टी सीएम तेजस्वी ने कहा कि भाजपा मंदिर, मस्जिद, गाय की चर्चा करती रहती। नफरत की राजनीति फैलाने वाले लोग यह जान लें कि देश किसी के बाप का नहीं, जो मुसलमानों से वोटिंग का अधिकार छीन लें। भाजपा और आरएसएस मनुस्मृति और गोलवलकर की थ्योरी को संविधान बनाना चाहती, लेकिन देश की जनता इसे कभी पूरा नहीं होने देगी। उन्होंने मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कहा कि हम सभी कांग्रेस का इंतजार कर रहे हैं।