0 मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव व नरेंद्र सिंह तोमर की मौजूदगी में इन चीतों को बाड़े में छोड़ा गया
श्योपुर। दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 12 चीते शनिवार को मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क पहुंच गए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव व नरेंद्र सिंह तोमर की मौजूदगी में इन चीतों को बाड़े में छोड़ा गया। जैसे ही चीते बाड़े में पहुंचे तेजी से भागने लगे। थोड़ी दूर जाने के बाद कुछ पल के लिए रुके, फिर रेस भरने लगे। बाड़े से अनजान चीते इधर-उधर देखते नजर आए।
कूनो आए इन 12 चीतों में 7 नर और 5 मादा हैं। कूनो में अब चीतों की कुल संख्या 20 हो गई है। इनमें 10 नर और 10 मादा हैं। इससे पहले पिछले साल सितंबर में 8 चीते नामीबिया से लाए गए थे। इनमें 5 मादा व 3 नर थे। चीतों को लेकर दक्षिण अफ्रीका से निकला विशेष विमान शनिवार सुबह ग्वालियर एयरबेस पहुंचा। यहां से इन्हें सेना के 4 हेलिकॉप्टर के जरिए कूनो नेशनल पार्क पहुंचाया गया।
चीतों को रिलीज करने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कूनो में पर्यटकों की सुविधा के लिए हम इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित कर रहे हैं। यहां रहने सहित तमाम व्यवस्था जुटा रहे हैं, जैसे ही हमें अनुमति मिलेगी, तभी आगे की कार्रवाई होगी। सरकार ने चीता प्रोजेक्ट बनाया है। हम उसके तहत सभी व्यवस्थाएं बना रहे हैं।
12 चीतों के लिए 10 क्वारैंटाइन बाड़े
क्वारैंटाइन बाड़े में 12 चीतों को रखने के लिए 10 क्वारैंटाइन बाड़े तैयार किए गए हैं। इनमें 8 नए और 2 पुराने हैं। इसके अलावा, दो आइसोलेशन वार्ड भी तैयार किए गए हैं। सभी क्वारैंटाइन बोमा (बाड़े) में छाया के लिए शेड बनाए गए हैं। चीतों के लिए पानी की व्यवस्था भी की गई है। हेलिकॉप्टर से उतारने के बाद सभी 12 चीतों को उन्हें क्वारैंटाइन बोमा में लाया गया। हेलीपैड से क्वारैंटाइन बोमा की दूरी लगभग एक किमी है।
शिवराज ने पीएम मोदी को दिया धन्यवाद
इससे पहले शनिवार को चीते आने से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था- कूनो नेशनल पार्क में आज चीतों की संख्या बढ़ने वाली है। मैं प्रधानमंत्री मोदी को तहे दिल से धन्यवाद देता हूं, यह उनका विजन है। कूनो में 12 चीतों का पुनर्वास किया जाएगा और इनकी संख्या बढ़कर 20 हो जाएगी। पहले आए चीते पूरी तरह स्वस्थ हैं। चीतों का पुनर्वास पर्यटन और रोजगार की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
स्वसहायता समूह की महिलाओं से मिले सीएम
श्योपुर में चीतों को बाड़े में छोड़ने के बाद सीएम ने स्वसहायता समूह की महिलाओं से मुलाकात की। यहां महिलाओं ने सीएम को रक्षा सूत्र बांधा और लाड़ली बहना योजना लागू करने के लिए धन्यवाद दिया। इस बारे में बताते हुए सीएम ने ट्वीटर पर लिखा- यह डोर है विकास की..., यह डोर है विश्वास की..., यह डोर है प्रेम और आस की... लाडली बहना योजना को लेकर बहनें जिस आत्मीयता, प्रेम, स्नेह और उल्लास के साथ अपनी भावनाओं का प्रकटीकरण कर रहीं हैं, उससे मन अत्यंत गदगद और भावविभोर हो रहा है।
450 से ज्यादा चीता मित्र तैयार किएः वन मंत्री
केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि चीता प्रोजेक्ट का दूसरा भाग आज से शुरू किया है। इससे पहले 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां चीतों को छोड़ा था, उन चीतों का क्वारैंटाइन टाइम पूरा हो चुका है। उन्हें जितने समय बड़े बाड़े में रहना था वह समय भी पूरा हो रहा है। हमारे वन विभाग के समस्त अफसर और नामीबिया की टीम के देखरेख में पहले भाग का टाइम पूरा हो गया है। यह काफी संतोषजनक रहा। इसके बाद आज मुख्यमंत्री व अन्य मंत्रियों की उपस्थिति में इन चीतों को छोड़ा गया है। हमने नामीबिया से आए चीतों को भी देखा उन्होंने कूनो को पूरी तरह से एक्सेप्ट कर लिया है। उनका व्यवहार सामान्य है। मध्य प्रदेश सरकार के वन विभाग ने यहां 450 से ज्यादा चीता मित्र तैयार किए हैं। ग्रामीण और वनवासी लोगों को चीता मित्र बनाकर उन्हें जागरूक किया है। कई लोगों ने कुल्हाड़ी छोड़ने का संकल्प भी लिया है। कूनो में चीतों के लिए बेहतर व्यवस्थाएं हैं।
25 साल के लिए चीता परियोजना का प्लान बनाएंगे
केंद्रीय वन मंत्री ने कहा कि चीता परियोजना के लिए मैं मुख्यमंत्री जी से कहूंगा कि वे और नरेंद्र सिंह तोमर जी भोपाल में एक बैठक बुलाएं और आगे 25 साल के लिए चीता परियोजना का प्लान तैयार करें। आजादी के अमृत महोत्सव में आया चीता आजादी के अमृत काल में विशेष उपलब्धि के तौर पर देखा जाएगा। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि अत्यंत प्रसन्नता का विषय है कि कूनो सेंचुरी के प्रारंभ होने की समीक्षा लंबे समय से थी। 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 8 चीतों को बाड़े में रिलीज किया, सभी चीते स्वस्थ हैं और ठीक से कूनो में विचरण कर रहे हैं।
सेना के 4 हेलीकॉप्टरों द्वारा लाए गए 12 चीते
दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 12 चीतों को सेना के 4 हेलिकॉप्टर द्वारा कूनो लाया गया। हेलिकॉप्टर करीब पौने 12 बजे कूनो पहुंचे। इसके बाद मौके पर मौजूद वन कर्मी और चीता एक्सपर्ट व डॉक्टरों ने उनके हालात देखे। मोटे तौर पर उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया, फिर बॉक्स में मौजूद चीतों को गाड़ियों के द्वारा सवा 12 बजे के करीब बाड़ों तक पहुंचाया गया।
द.अफ्रीका से एयर फोर्स का विमान लाया ग्वालियर
दक्षिण अफ्रीका से इन 12 चीतों को लेने के लिए एयर फोर्स का विशेष विमान वहां गया था। शुक्रवार 17 फरवरी की शाम वो इन्हें लेकर वहां के ओआर टैम्बो एयरपोर्ट से रवाना हुआ और 18 फरवरी शनिवार की सुबह 10 बजे ग्वालियर एयरपोर्ट बेस पहुंचा। ये चीते एक महीने क्वारैंटाइन बाड़ों में रहेंगे, क्योंकि ये 7 महीने से अफ्रीका में क्वारैंटाइन थे।