
उज्जैन/वाराणसी। शिव-पार्वती के विवाह उत्सव शिवरात्रि पर देशभर के शिव मंदिरों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। उज्जैन में शिव ज्योति अर्पणम कार्यक्रम में क्षिप्रा नदी के तट पर एक साथ 21 लाख दीये जलाए जा रहे हैं। ऐसा करके वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की तैयारी है। इसके लिए 52 हजार लीटर तेल, रुई की 25 लाख बाती, 600 किलो कपूर और चार हजार माचिस मंगाई गई हैं। अभी तक अयोध्या में 15.76 लाख दीये जलाने का रिकॉर्ड है।
उज्जैन के शिव ज्योति अर्पणम कार्यक्रम की खास बात यह है कि पूरा कार्यक्रम जीरो वेस्ट है। इधर, काशी से लेकर महाकाल तक हजारों शिव के दर्शन कर चुके हैं, तो कई जगह श्रद्धालु कतारों में इंतजार कर रहे हैं। वाराणसी में पांच लाख लोग बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर चुके हैं। वहीं, उज्जैन के महाकाल में भी करीब छह लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंच चुके हैं।
उज्जैन: रात 2.30 बजे खोले गए महाकाल के द्वार, 4 बजे भस्म आरती
महाकाल मंदिर में शुक्रवार रात से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारों को देखते हुए शनिवार सुबह 2:30 बजे ही पट खोल दिए गए थे। इसके बाद महाकाल की भस्म आरती की गई और सुबह चार बजे से भक्तों को मंदिर में प्रवेश दिया गया। भीड़ मैनेज करने के लिए पास लेने वाले लोगों को गर्भगृह के करीब गणेश मंडपम और बाकी श्रद्धालुओं को छत के रास्ते कार्तिक मंडपम से दर्शन कराए गए। मंदिर में दर्शन का सिलसिला 19 फरवरी की रात 11 बजे मंदिर के पट बंद होने तक यानी 44 घंटे तक चलता रहेगा। इस दौरान चार प्रहर भगवान महाकाल की पूजा अर्चना की जाएगी। बाबा का दूल्हे के रूप में श्रृंगार किया गया। 19 फरवरी को सुबह 11 बजे महाकाल का सेहरा उतारा जाएगा। उनके स्वर्ण आभूषण लॉकर में रखकर सील किए जाएंगे। दोपहर 12 बजे से भस्म आरती होगी, जो साल में एक बार ही दिन में होती है।
वाराणसी: काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए 3 से 4 किमी लंबी लाइन
काशी विश्वनाथ मंदिर का पट सुबह 3.30 बजे खुल गया था। इसके बाद आरती और पूजा की गई। इसके बाद मंदिर भक्तों के लिए खोल दिया गया। भक्तों की 3 से चार किमी लंबी-लंबी लाइन देखी गई। लाइन में लगने से लेकर दर्शन करने तक में औसतन 30 से 35 मिनट का वक्त लगा।
हालांकि श्रद्धालु व्यवस्था से थोड़े मायूस भी नजर आए, क्योंकि शिवरात्रि पर वे ज्योर्तिलिंग को न छू पा रहे थे, न ही जलाभिषेक कर पा रहे थे। गर्भगृह के बाहर लगे पाइप से ही दूध, जल, बेल पत्र, फूल चढ़ाने की इजाजत दी गई थी। भीड़ को देखते हुए गर्भगृह के चारों गेट से केवल झांकी दर्शन कराए जा रहे हैं और पर्व पर VIP दर्शन भी बंद कर दिए गए हैं।