Head Office

SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH

tranding

0 कहा- अडानी जी-मोदी जी एक हैं, हम सवाल पूछते रहेंगे
रायपुर। नवा रायपुर में चल रहे कांग्रेस के 85वां महाधिवेशन के आखिरी दिन रविवार को पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अधिवेशन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने बचपन का अपना दर्द साझा किया। उन्होंने मंच से कहा कि 52 साल हो गए आज तक मेरे पास खुद का घर नहीं है। वहीं उन्होंने केंद्र सरकार व भाजपा पर भी हमला बोला। साथ ही उद्योगपति अडाणी का मोदी से रिश्ते के बारे में भी सवाल उठाया। 

सभा में राहुल गांधी ने अपनी 6 साल की उम्र का एक वाकया सुनाया। उन्होंने कहा कि मैं छोटा था, 1977 की बात है। चुनाव आया, मुझे उसके बारे में कुछ नहीं मालूम था। मेरे घर का माहौल काफी गहमागहमी का था। उन्होंने अपनी मां सोनिया गांधी से पूछा मां क्या हुआ। तो सोनिया ने कहा कि हम घर छोड़ रहे हैं। मैंने कहा कि क्यों तो मां ने बताया कि ये हमारा घर नहीं सरकार का घर है। हमें अब यहां से जाना है। मैंने मां से पूछा कहां जाना है। कहती हैं नहीं मालूम कहां जाना है। मैं हैरान हो गया। मैंने सोचा था वो हमारा घर था। तब से आज 52 साल हो गए मेरे पास घर नहीं है। हमारे परिवार का घर इलाहाबाद था। वहां भी हमारा घर नहीं है। मैं 12 तुगलक लेन दिल्ली में रहता हूं, लेकिन मेरे लिए वो घर नहीं है। मेरा घर तो भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मेरे साथ चलता था वो है। वो घर कन्याकुमारी से चला और चलते-चलते जम्मू कश्मीर तक बढ़ गया।

भारत जोड़ो यात्रा के पल किए साझा
राहुल गांधी ने कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ चार महीने तक कन्या कुमारी से श्रीनगर तक की गई भारत जोड़ो यात्रा की यादें साझा की। उन्होंने बताया कि इस यात्रा से उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला। पंजाब में एक मैकेनिक आकर उनसे मिला। जैसे ही राहुल ने उसका हाथ पकड़ा उन्होंने उसके सालों के दर्द को जान लिया। इसी तरह उनके साथ किसानों के साथ मिलकर हुआ।

भारत माता ने कहा-घमंड त्याग कर शुरू करो यात्रा
राहुल गांधी ने खुद को फिट और यंग बताया। उन्होंने कहा कि वो हर दिन 10-15 किलोमीटर चलते और दौड़ते हैं। उन्हें घमंड था कि भारत जोड़ो यात्रा में हर दिन 25 किलोमीटर चलना उनके लिए बड़ी बात नहीं है। लेकिन केरल में उनका घमंड चूर हो गया। उनका कॉलेज टाइम का घुटनों का दर्द बढ़ गया और वो असहनीय दर्द से गुजर रहे थे। राहुल का घमंड चूर चूर हो गया कि वो 3500 किलोमीटर की यात्रा कैसे करेंगे। इसी दौरान उन्हें भारत माता ने मैसेज दिया कि अगर कन्याकुमारी से तुम निकले हो तो अपने दिल से अहंकार को मिटाओ फिर चलो। इसके बाद धीरे-धीरे मेरी आवाज चुप होती गई और लोगों का कारवां उनके साथ जुड़ता गया।

जब गले लगता था तो ट्रांसमिशन सा होता था
राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के बारे में बात करते हुए कहा कि कहा कि 4 महीने कन्याकुमारी से श्रीनगर तक भारत जोड़ो यात्रा हमने की। वीडियो में आपने मेरा चेहरा देखा, लेकिन हमारे साथ लाखों लोग चले। बारिश, गर्मी और बर्फ में हम सब एक साथ चले। बहुत कुछ सीखने को मिला। आपने देखा हो कि पंजाब में एक मैकेनिक आकर मुझसे मिला। मैंने उसके हाथ पकड़े और सालों की उसकी तपस्या, उसका दर्द और दुख मैंने पहचान लिया। लाखों किसानों के साथ जैसे ही हाथ मिलाता था, गले लगता था एक ट्रांसमिशन सा हो जाता था। शुरुआत में बोलने की जरूरत होती थी कि क्या करते हो, कितने बच्चे हैं, क्या मुश्किलें हैं। एक-डेढ़ महीना ये चला और उसके बाद बोलने की जरूरत नहीं पड़ती थी। जैसे ही हाथ पकड़ा, गले लगे उनका दर्द एक सेकेंड में समझ आ जाता था। जो मैं उनसे कहना चाहता था, बिना कुछ बोले वो समझ जाते थे।
राहुल गांधी ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान एक महिला पास आई, उसका हाथ मैंने पकड़ा और पता चल गया कि कुछ ना कुछ बात है। जो मेरा प्यार मेरी बहन के लिए है, वही प्यार मैं उसे देने लगा। मुझे अजीब सा लगा कि ये कैसे हो रहा है। मुझसे उसने कहा-राहुल भैया आपसे मिलने आई हूं।

सावरकर की विचारधारा पर चल रही हिंदुस्तान की सरकार
राहुल गांधी ने कहा कि वर्तमान में हिंदुस्तान की सरकार सावरकर की विचार धारा पर चल रही है। यहां के मंत्री चीन से कहते हैं आपकी इकोनॉमी हमसे बड़ी है, इसलिए हम आपसे नहीं लड़ सकते हैं। राहुल ने कहा कि क्या इंग्लैड की इकोनॉमी भारत से अधिक थी जो उसने यहां राज किया। उन्होंने कहा देश के मंत्री इस विचारधारा पर चल रहे हैं कि जो आपसे कमजोर है उसको मारो। जो आपसे मजबूत है उसके सामने झुक जाओ।

पीएम मोदी और गौतम अडानी के बीच रिश्ता क्या है, दोनों एक है
राहुल गांधी ने भारत के प्रधानमंत्री पर निशाना साधा। उन्होंने कहा पार्लियामेंट हाउस में प्रधानमंत्री से एक सवाल पूछा था। गौतम अडानी से आपके रिश्ते क्या हैं। आपका उससे क्या संबंध है। आखिर 609 नंबर पर रहने वाली कंपनी अचानक देश में दूसरे नंबर तक कैसे पहुंच गई। आपकी जितनी भी विदेशी नीतियां है सब जगह अडानी को ही क्यों फायदा मिलता है। इंग्लैंड में दबाव डालकर उसे कांट्रैक्ट दिलाया जाता है। संसद में एक फोटो दिखाते हुए पूछा कि इस फोटो में मोदी जी अडानी के प्लेन में रिलैक्स करते दिख रहे हैं। आखिर दोनों के बीच रिश्ता क्या है। सवाल पूछते ही पूरे मंत्री और पूरी सरकार अडानी की रक्षा करने लग गई। उन्होंने यहां तक कहा कि जो अडानी पर आक्रमण करता है वो देशद्रोही है।

ईस्ट इंडिया कंपनी से की मोदी की तुलना
राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी और गौतम अडानी की कंपनी की तुलना ईस्ट इंडिया से की। उन्होंने कहा कि ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में राज किया। यहां का पूरा धन और संपदा अपने साथ ले जा रही थी। हुआ क्या देश के लोगों ने उसके खिलाफ लड़ाई लड़ी। आज फिर से इतिहास दोहरा रहा है। नरेंद्र मोदी और अडानी की कंपनी देश की सारी संपदा और धन हथिया रहे हैं। इसलिए देश पर खतरा आएगा तो कांग्रेस खड़ी होगी और लोगों के साथ लड़ेगी। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में मोदी और अडानी एक मंच पर दिखते हैं वहां स्टेट बैंक ऑफ इंडिया अडानी को एक बिलियन डॉलर का कर्ज देता है। क्या लेना देना है मोदी का अडानी से। ये साबित करता है कि ये दोनों एक हैं।

लाल चौक में झंडा फहराने का मतलब नहीं समझे प्रधानमंत्री  
राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने जम्मू एंड कश्मीर के लाल चौक में तिरंगा फहराया। हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा वो तो उन्होंने भी किया है। राहुल ने कहा कि मुझे मोदी जी की एक बात समझ नहीं आई। वो बीजेपी के 15-20 लोगों के साथ जाकर लाल चौक पर तिरंगा फहराते हैं। वहीं भारत जोड़ो यात्रा ने लाखों कश्मीरी युवाओं के साथ उनके हाथ में तिरंगा पकड़ाकर तिरंगा फहराया है। प्रधानमंत्री को ये फर्क नहीं समझ आया। फर्क ये है कि भारत जोड़ो यात्रा ने हिंदुस्तान की भावना और तिरंगे की भावना जम्मू काश्मीर के युवाओं में डाल दी है। मोदी ने तिरंगे की भावना वहां के युवाओं से छीन ली। ये फर्क है आपमें और हममें। ये जो झंडा है तिरंगा है। ये दिल की भावना है, जो दिल के अंदर से आती है।

फिसली जुबान, कहा-सत्याग्रह का मतलब सत्ता का रास्ता न छोड़ो
संबोधन के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी की जुबान फिसल गई। उन्होंने महात्मा गांधी को याद करते हुए कहा कि वो सत्याग्रह की बात कहते थे। राहुल ने कांग्रेसियों से पूछा सत्याग्रह क्या है। लेकिन इसी दौरान उनकी जुबान फिसल गई। उन्होंने कहा कि सत्याग्रह का मतलब सत्ता के रास्ते को कभी मत छोड़ो, लेकिन शायद वो ये बात बीजेपी के लिए बोलना चाहते थे। उन्होंने तुरंत सॉरी बोला और कहा सत्याग्रह का मतलब सत्य के रास्ते को कभी मत छोड़ो लेकिन बीजेपी कहती है कि हम सत्ता के ग्राही है। बीजेपी के लोग सत्ता के लिए किसी के भी सामने झुक जाएंगे। 

tranding
tranding
tranding