नई दिल्ली। बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन सोमवार को लोकसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने भारी हंगामा किया, जिसके कारण संसद में कोई कामकाज नहीं हुआ और सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी।
लोकसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दो बजे जैसे ही शुरू हुई, विपक्षी दलों के सदस्य आसन के सामने आकर हंगामा करने लगे। कांग्रेस के सदस्य 'वी वांट जस्टिस' के नारे लगाने लगे तो सत्ता पक्ष की तरफ से जवाब में उसी आक्रामकता के साथ 'राहुल गांधी माफी मांगो' के नारे गूंजने लगे।
पीठासीन अधिकारी राजेंद्र अग्रवाल ने हंगामे के बीच जरूरी कागजात सदन के पटल पर रखवाने के बाद सदन की कार्यवाही शुरू की तो हंगामा दोनों तरफ से और तेज हो गया जिसके कारण सदन में कुछ भी सुनाई नहीं दिया।
श्री अग्रवाल ने सदस्यों से आग्रह किया कि वे अपनी सीटों पर बैठ जाएं और जिन मुद्दों पर विपक्ष के सदस्य चर्चा चाहते हैं उन सब मुद्दों पर चर्चा होगी। उनका कहना था कि संसद और पीठ का सम्मान सभी के लिए अनिवार्य है और किसी भी सदस्य को इसकी अवमानना की अनुमति नहीं दी जा सकती इसलिए सदस्य अपनी सीटों पर चले जाएं और सदन की कार्यवाही चलने दें लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी और हंगामा बढ़ता गया जिसके कारण उन्होंने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले भी भाजपा सदस्यों ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से लंदन में दिए गए उनके बयान के लिए उनसे माफ़ी माँगने की माँग की जबकि कांग्रेस के सदस्यों ने विभिन्न मुद्दे पर चर्चा की माँग को लेकर हंगामा किया। भारी हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित करनी पड़ी थी।