0 डीएमएफ फंड में लगाया बंदरबांट का आरोप
0 मंत्री ने जांच कराने की बात कही
0 भाजपा सदस्य ने मंत्री से इस्तीफे की मांग की
रायपुर। कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने सोमवार को डीएमएफ की राशि में बंदरबांट के मुद्दे पर अपने सरकार को घेरा। उन्होंने मंत्री रविंद्र चौबे से बार-बार विधानसभा की कमेटी से जांच कराने की मांग की। हालांकि पंचायत मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि वे राज्य स्तर के अधिकारी से जांच कराएंगे और एक महीने के भीतर रिपोर्ट आएगी। इसके बाद जो भी दोषी होंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी। इस पर विपक्ष के सदस्य शिवरतन शर्मा ने कहा कि खुद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष आरोप लगा रहे हैं। मंत्री को इस पर त्याग पत्र दे देना चाहिए।
प्रश्नकाल में मरकाम ने कोंडागांव में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा (आरईएस) में तीन साल के काम के संबंध में सवाल किया। उन्होंने 7 करोड़ की राशि के बंदरबांट का आरोप लगाया और कहा कि एक ही कार्यपालन यंत्री के पास आरईएस और पीएमजीएसवाय की जिम्मेदारी है। मरकाम ने पूछा कि आरईएस निर्माण एजेंसी है, फिर सप्लाई का काम कैसे दिया गया? मंत्री चौबे ने बताया कि दो निर्माण एजेंसी नहीं हो सकती, इसलिए आरईएस को ही नोडल एजेंसी बनाकर निर्माण और सप्लाई दोनों की जिम्मेदारी दी गई है। मरकाम ने बंदरबांट का आरोप लगाया और सदन की समिति से जांच कराने की मांग की।
भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा और सौरभ सिंह ने कहा आपकी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का सवाल है, इसलिए तत्काल जांच की घोषणा करनी चाहिए। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि डीएमएफ की राशि की लूट हो रही है। मोहन मरकाम ने सवाल उठाया है। तत्काल सदन की कमेटी से जांच कराने की घोषणा होनी चाहिए।
इस पर मंत्री श्री चौबे ने कहा कि मामला गंभीर है। जो कार्य हुए हैं, उसकी जानकारी दे दी गई है। मंत्री ने बताया कि अरूण कुमार शर्मा ईई हैं और उनके पास आरईएस और पीएमजीएसवाय का प्रभार है। मंत्री ने बताया कि वे राज्य स्तर के अधिकारी से जांच कराएंगे।