
रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के साढ़े चार साल बाद भी सुपेबेड़ा में पानी पहुंचाने के लिए टेंडर नहीं कर पाने के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों ने पीएचई मंत्री रूद्र कुमार गुरू को घेरा। मंत्री ने ऐलान किया कि एक महीने में टेंडर कराएंगे और शीघ्र काम शुरू होगा। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी सदस्यों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
प्रश्नकाल के दौरान भाजपा सदस्य डमरूधर पुजारी ने अपने विधानसभा क्षेत्र के सुपेबेड़ा में पानी उपलब्ध कराने के मुद्दे पर सवाल किया। श्री पुजारी ने पूछा कि उनके विधानसभा क्षेत्र बिंद्रानवागढ़ में 2021 से इस साल 31 जनवरी तक जल जीवन मिशन के अंतर्गत कौन-कौन से काम स्वीकृत किए गए हैं। पीएचई मंत्री ने बताया कि रेट्रोफिटिंग नल जल योजना, एकल ग्राम नल जल के अंतर्गत 372 काम स्वीकृत हैं। इसी लागत 30341.63 लाख है। फ्लोराइड रिमूवल प्लांट स्थापना के 40 काम स्वीकृत हैं। इसकी लागत 669.62 लाख है। इसके अलावा सुपेबेड़ा बहुग्राम जल प्रदाय योजना स्वीकृत है। इसकी लागत 1034.32 लाख है।
इस पर श्री पुजारी ने कहा कि सुपेबेड़ा में लोग मर रहे हैं। कांग्रेस ने घोषणा की थी कि सरकार बनने पर शुद्ध पानी देंगे। इस पर मंत्री ने कहा कि हमारी घोषणा है और हम शुद्ध पानी पिलाएंगे। इस पर श्री पुजारी ने पूछा कि पर कब पिलाएंगे। इस पर मंत्री ने कहा कि अति शीघ्र पिलाएंगे। इस पर श्री पुजारी ने आरोप लगाया कि जब से सरकार बनी है, तब से अब तक कुछ नहीं किया गया है। उनके जवाब में मंत्री ने कहा कि सरकार बनने के बाद स्वास्थ्य मंत्री और मैं सुपेबेड़ा गए थे। सीएम से बजट में फंड लेकर योजना बनाई। पहले एकल ग्राम योजना थी। बाद में जल जीवन मिशन आने पर नए सिरे से टेंडर की प्रक्रिया शुरू की गई। टेंडर में एक ही प्रतिभागी होने के कारण नए सिरे से प्रक्रिया शुरू की गई। मंत्री ने कहा कि हमारे रहते हुए टेंडर हो जाएगा और काम शुरू हो जाएगा।
मंत्री का यह जवाब सुनकर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। इस पर भाजपा सदस्य अजय चंद्राकर ने कहा कि सुपेबेड़ा में पानी नहीं होने के कारण लगातार मृत्यु हो रही है। इस पर मंत्री ने कहा कि पानी के कारण मृत्यु नहीं हो रही है। विपक्ष के हंगामे के बीच विधानसभा स्पीकर डॉ. चरणदास महंत ने मंत्री से कहा कि यह संवेदनशील विषय है। इसे लेकर देशभर में चर्चा हुई थी। मंत्री इसे व्यक्तिगत रूप से देखें। स्पीकर ने विपक्ष से कहा कि सिंगल टेंडर आया था तो क्या कर सकते हैं?
इस पर पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि इतने दिनों तक नहीं हुआ और अभी कह रहे हैं कि हमारी सरकार के रहते तक टेंडर हो जाएगा। पानी पिलाने के लिए सरकार सक्षम नहीं है। मंत्री कह रहे कि हमारी सरकार के रहते टेंडर कराएंगे। सुपेबेड़ा में लगातार मौत हो रही। एयर एंबुलेंस की बात हुई थी। फोन नंबर देकर आए थे। साढ़े चार साल का समय बीत गया। मंत्री का ऐसा जवाब आ रहा है कि हमारी सरकार के रहते टेंडर करा देंगे।
इस पर शिवरतन शर्मा ने पूछा कि सुपेबेड़ा के लिए कब-कब टेंडर निकाला गया। चंद्राकर ने पूछा कि वर्तमान में कौन सी योजना चल रही है और किस तरह पानी पिलाएंगे और कितने लागत की है। भाजपा सदस्य कृष्णमूर्ति बांधी ने कहा कि पानी के कारण मौतें हो रही हैं। मंत्री यह मानने के लिए तैयार नहीं हैं। इसके जवाब में मंत्री ने कहा कि सरकार बनते ही हम लोग वहां गए थे। आप लोग तो 15 साल सरकार में रहे, लेकिन इतने दिनों में कुछ नहीं किया। इसके बाद विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। इस बीच सत्ता पक्ष के सदस्य भी खड़े हो गए। हंगामे के बीच नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने बहिर्गमन करने की बात कही और भाजपा विधायकों ने वॉकआउट कर दिया।