
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में गुरुवार को शून्यकाल के दौरान पीएम आवास के लिए आंदोलन कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं और हितग्राहियों पर पुलिस के लाठीचार्ज और टारगेट कर बम फेंकने का मामला गूंजा। शून्यकाल के दौरान विपक्ष ने इस पर चर्चा कराने की मांग की। विधानसभा उपाध्यक्ष ने चर्चा कराने से इंकार कर दिया। इसके बाद भाजपा विधायकों ने जोरदार हंगामा किया। सदन की कार्यवाही बाधित होने के कारण कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
शून्यकाल के दौरान भाजपा विधायक रजनीश सिंह ने कहा कि पीएम आवास के लिए आंदोलन कर रहे कार्यकर्ताओं पर अश्रु गैस के गोले छोड़े गए। बीजेपी कार्यकर्ताओं को टारगेट कर फेंके गए। रंजना साहू ने कहा कि सरकार ने राजधर्म नहीं निभाया। महिलाओं के साथ भी बर्बरता बरती गई।
पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ को कलंकित करने की यह घटना है। 2019 से 2023 के बीच पीएम आवास की मांग को लेकर आंदोलन था। पीएम आवास योजना के स्वीकृत आवास के लिए राज्यांश नहीं देने का मामला है, इसलिए सारे काम रोककर इस स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराई जाए।
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि शासन की दमनकारी नीति लोकतंत्र में उचित नहीं है। हमारे नेताओं-कार्यकर्ताओं पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए और पानी की बौछारें की गई। नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि भाजपा कार्यकर्ताओं को टारगेट कर मिर्ची बम और आंसू गैस के गोले से घायल किया गया। लाठीचार्ज और बम गोले से हजारों कार्यकर्ताओं को चोट आई। उन्होंने इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की।
इस पर विधानसभा उपाध्यक्ष संतराम नेताम ने बुधवार को गृहमंत्री द्वारा इस संबंध में दिए गए वक्तव्य का हवाला देते हुए बीजेपी के स्थगन प्रस्ताव को अग्राह्य कर दिया। इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। इस कारण सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी।