
रायपुर। गरियाबंद जिले में चना वितरण में गड़बड़ी के आरोपों पर शुक्रवार को विधानसभा में जमकर बहस हुई। कांग्रेस विधायक अमितेश शुक्ल ने आरोप लगाया कि जिस चना को गुणवत्ताहीन पाए जाने पर गरियाबंद में रिजेक्ट किया गया था, उसे बाद में देवभोग में सप्लाई कर दिया गया। इस पर खाद्य मंत्री अमरजीत सिंह भगत ने गड़बड़ी से इंकार किया, लेकिन इसकी जांच कराने का भरोसा दिया।
प्रश्नकाल में अमितेश शुक्ल ने आरोप लगाया कि गरियाबंद में चने को गोदाम में रखा गया था। चना रिजेक्ट हो गया। बाद में उसे देवभोग में सप्लाई कर दिया गया। उन्होंने इस आशय की मीडिया में आई खबरों की तरफ खाद्य मंत्री का ध्यान आकृष्ट कराया। इस पर खाद्य मंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया और किसी अखबार में प्रकाशित खबर चर्चा का आधार नहीं बन सकता है। उन्होंने कहा कि यदि कोई लिखित दस्तावेज हो तो उसकी लिखित मेें जांच कराई जा सकती है। उन्होंने बताया कि खाद्य विभाग की टीम ने गरियाबंद में चना की गुणवत्ता की जांच की थी और अमानक पाए जाने पर सप्लायर संजय ग्रेन प्रोडक्ट्स लिमिटेड वापस कर दिया गया।
इस पर कांग्रेस सदस्य श्री शुक्ल ने पूछा कि यदि चना अमानक पाया गया था तो उसी सप्लायर को बलौदाबाजार में आर्डर क्यों दिया गया। इस पर खाद्य मंत्री ने कहा कि सप्लाई के बाद गुणवत्ता का परीक्षण होता है। अमानक पाए जाने पर वापस किया जाता है गुणवत्तायुक्त होने पर ही सामग्री ली जाती है। खाद्य मंत्री ने श्री शुक्ल से कहा कि उन्हें लिखित में शिकायत दे दें, तो उसकी जांच कराई जाएगी।