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0 मंत्री लखमा बोले- राज्यपाल राजनीतिक दबाव में हैं
 
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित आरक्षण विधेयक के संबंध में चर्चा करने के लिए आबकारी मंत्री कवासी लखमा के नेतृत्व में कांग्रेस के विधायकों ने सोमवार को राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन से मुलाकात की। नए राज्यपाल हरिचंदन के आने के बाद आरक्षण के मसले पर यह विधायकों के साथ पहली मुलाकात थी। इसके बाद मंत्री कवासी लखमा ने आरोप लगाया कि राजभवन में राजनीति घुस गई है। राज्यपाल राजनीतिक दबाव में हैं, ऐसा लग रहा है। 

राजभवन के बाहर मीडिया से बातचीत में श्री लखमा ने कहा कि आज एसटी एससी और पिछड़ा वर्ग के विधायकों के साथ आए थे। राज्यपाल के साथ गंभीर चर्चा हुई है। हालांकि राज्यपाल से चर्चा में हमारी मंशा के अनुसार जवाब नहीं मिला है। राजभवन में राजनीति घुस गई है। राज्यपाल राजनीतिक दबाव में हैं, ऐसा लग रहा था। 

श्री लखमा ने कहा कि जब राज्यपाल से विधेयक के संबंध में बातचीत की गई तो उनकी तरफ से देख लेंगे, कर लेंगे, समीक्षा कर रहे हैं, जैसा जवाब आया। उन्होंने हमें अच्छे से बैठाया। राज्यपाल से बात की, लेकिन वे ज्यादा इंग्लिश बोलते हैं। हमारे विधायक शिशुपाल शोरी कलेक्टर रहे हैं। उन्होंने बात की। यूडी मिंज और डॉ. विनय जायसवाल ज्यादा बात की। मैं थोड़ा सा बात किया हूं। उम्र के हिसाब से कम सुनते हैं। उनकी बातों में राजनीति का धुन लग रहा था। 

राज्यपाल संवैधानिक पद है, लेकिन वे राजनीतिक दबाव में लग रहे थे। हम लोग बोले कि आप आदिवासी अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के संरक्षक हैं। विधानसभा में सर्व सहमति से आरक्षण विधेयक पारित हुआ है। पुलिस, स्वास्थ्य और शिक्षकों की भर्ती रुकी हुई है। आपकी मदद से आरक्षण विधेयक पारित होगा तो सबको लाभ मिलेगा। 

लखमा ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट की आशा नहीं छोड़े हैं। राज्यपाल की आशा नहीं छोड़े हैं। जब तक राज्य के अनुसूचित जाति जनजाति और पिछड़ा वर्ग को आरक्षण नहीं मिल जाता, उनके हक की लड़ाई राज्यपाल के पास, विधानसभा में, सड़क में, गांव में लड़ते रहेंगे।