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रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में मंगलवार को फर्जी जाति प्रमाण पत्र का मुद्दा सदन में उठा। विधायक गुलाब कमरो ने यह मुद्दा उठाया। विधायक के प्रश्न के जवाब में आदिम जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने बताया कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने वाले 40 अधिकारी-कर्मचारियों को सेवा से पृथक कर दिया गया है। वहीं 90 अधिकारी-कर्मचारियों ने हाईकोर्ट से स्टे लिया है। 

विधायक गुलाब कमरो ने यह मुद्दा उठाते हुए पूछा कि उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति ने 29 जुलाई 2020 के पत्र द्वारा विभिन्न विभागों एवं संस्थाओं में गलत/फर्जी जाति प्रमाण पत्रों पर नौकरी प्राप्त किए 250 अधिकारी-कर्मचारियों की सूची कार्यवाही के लिए भेजी गई थी। उस पर आज पर्यन्त तक क्या कार्यवाही की गई है?

मंत्री डॉ. टेकाम ने बताया कि 250 कर्मचारियों की सूची प्रेषित की गई थी. अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के झूठे (फर्जी/गलत) प्रमाणा पत्र के आधार पर नियुक्ति प्राप्त करने वाले शासकीय सेवाकों की सेवाएं समाप्त करने एवं महत्वपूर्ण पदों से पृथक करने न्यायालय में लंबित प्रकरणों में महाधिवक्ता के माध्यम से शीघ्र सुनवाई के लिए अनुरोध करने और स्थगन हटाये जाने की कार्यवाही करने के निर्देश सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 5.12.2020, 07.01.2021, 04.02.2021, 30.06.2021, 24.07.2021, 28.09.2021 और 30.06.2022 के जरिए संबंधित विभागों को दिए गए हैं।

मंत्री ने बताया कि सामान्य प्रशासन विभाग के पत्रों के परिप्रेक्ष्य में 40 अधिकारी-कर्मचारियों को सेवा से पृथक किया गया है। 90 अधिकारी-कर्मचारियों के प्रकरण में हाईकोर्ट से स्टे होने के कारण कार्यवाही लंबित है। शेष प्रकरणों में विभागों द्वारा कार्यवाही की जा रही है।

विधायक कमरो ने पूछा कि फर्जी/गलत जाति के आधार पर नौकरी कर रहे अधिकारी एवं कर्मचारियों के विरुद्ध शासन द्वारा कब तक कार्यवाही की जाएगी? मंत्री ने बताया कि हाईकोर्ट में केस विचाराधीन होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। विधायक ने पूछा कि पिछले दो साल में कार्यवाही नहीं होने के क्या कारण हैं? मंत्री ने बताया कि उच्च स्तरीय छानबीन समिति द्वारा पारित आदेश के विरुद्ध अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा कोर्ट से स्थगन आदेश प्राप्त किए जाने के कारण कार्यवाही संभव नहीं हो सकी।