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रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में बुधवार को सदन में वन विभाग में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठा। पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने प्रश्नकाल में यह मुद्दा उठाया। इसके जवाब में वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने वन विभाग में भ्रष्टाचार के मामले में बिलासपुर डीएफओ के खिलाफ जांच की घोषणा की। वन मंत्री ने बताया कि भ्रष्टाचार के मामले में 5 लोगों को सस्पेंड किया गया है।

प्रश्नकाल के दौरान धरमलाल कौशिक ने पूछा कि क्या मुख्य वन संरक्षक बिलासपुर के आदेश पर अक्टूबर, 2021 में आमागुड़ा, भालुमुड़ा और परिक्षेत्र बेलगहना के अंतर्गत अनियमितता व अन्य के संबंध में जांच समिति का गठन किया गया था? मार्च 2022 में उप वन मंडलाधिकारी कोटा द्वारा जांच प्रतिवेदन वनमंडलाधिकारी बिलासपुर को प्रस्तुत किया गया था। जांच में कौन दोषी पाया गया है?

वनमंत्री अकबर ने बताया कि जांच में वन क्षेत्रपाल विजय कुमार साहू, उप वन क्षेत्रपाल सेवक राम बैगा, वन पाल मोहम्मद शमीम, वन रक्षक हितकुमार ध्रुव और मुलेश कुमार जोशी दोषी पाए गए थे। कौशिक ने कहा कि भुगतान के पूर्व निरीक्षण की जवाबदारी किसकी थी? मंत्री ने बताया कि परिक्षेत्र अधिकारी के अंतर्गत सब कार्य होते हैं। रेंजर की जवाबदारी होती है। कौशिक ने वन अधिनियम का उल्लेख करते हुए कहा कि इसमें डीएफओ की जिम्मेदारी होती है। उन्होंने पूछा कि क्या डीएफओ के खिलाफ कार्रवाई होगी?

वन मंत्री ने बताया कि जांच हुई है। जो दोषी पाए गए हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। मंत्री ने कहा कि वन मंडल अधिकारी द्वारा सभी कार्यों का निरीक्षण संभव नहीं है। हालांकि उन्होंने अंतिम भुगतान से पूर्व डीएफओ की जिम्मेदारी होना स्वीकार किया। साथ ही, जांच कराने का आश्वासन दिया। डीजल का भुगतान नहीं होने के संबंध में पूछे गए सवाल पर वन मंत्री ने कहा कि वे 6 महीने में भुगतान कराएंगे।