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रायपुर। विधानसभा में बुुधवार को रायगढ़ के गारे पलमा कोल ब्लॉक के कोल ट्रांसपोर्टेशन के रेट और टेंडर पर पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बीच जमकर बहस हुई। पूर्व सीएम ने दोगुने दर में ट्रांसपोर्टेशन कराने का आरोप लगाते हुए कहा कि इसमें भारी गड़बड़ी हुई है।

इस पर सीएम श्री बघेल ने केन्द्र सरकार की अन्य कंपनियों एनटीपीसी, और एनएचपीसी के टेंडर रेट का तुलनात्मक ब्यौरा देकर किसी भी तरह को  गड़बड़ी से इंकार किया, लेकिन पूर्व सीएम अड़े रहे और टेंडर की विधायकों की कमेटी से जांच कराने की मांग की। इस पर सीएम श्री बघेल ने तीखे तेवर दिखाते हुए कहा कि आपके समय में सारे नियम बने थे और गड़बड़ी भी आपने खुद की है। इस पर सीएम के जवाब से असंतुष्ट भाजपा सदस्यों ने सदन से वॉकऑउट कर दिया।

प्रश्नकाल के दौरान पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह गारे पलमा कोल ब्लॉक रायगढ़ के कोल ट्रांसपोर्टेशन के रेट और टेंडर में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए मामला उठाया। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि ट्रांसपोर्टेशन के लिए दोगुने दर पर टेंडर दिया गया। एसईसीएल का रेट है उससे कहीं ज्यादा है। उन्होंने कहा कि एसईसीएल 40 किमी दूरी के लिए 210 रूपए दर तय किए हैं, जबकि पॉवर कंपनी ने 466 रूपए प्रति मीट्रिक टन के हिसाब से ट्रांसपोर्टेशन का काम दिया है। डॉ. सिंह ने पूछा कि अतिरिक्त पैसा कहां जा रहा है?

इस पर सीएम श्री बघेल ने बताया कि कोल ट्रांसपोर्टेशन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर टेंडर बुलाए गए थे। इनमें से 8 कंपनियों ने रूचि दिखाई थी। चार कंपनियों ने हिस्सा लिया था और फिर दो कंपनी अपात्र पाए गए। इनमें से मेसर्स बार्बरिक प्रोजेक्ट लिमिटेड को ट्रांसपोर्टेशन का काम दिया गया। सीएम ने कहा कि किलोमीटर के हिसाब से एसईसीएल खदान के भीतर ट्रांसपोर्टेशन के लिए रेट निर्धारित है। जब पिछली सरकार में टेंडर किया गया और नियम बनाया गया उसी समय ये कह दिया जाता कि गाइडलाइन के हिसाब से परिवहन होगा, लेकिन साल 2017 में तो आपने ऐसा किया नहीं। उन्होंने डॉ. रमन सिंह के आरोपों पर कहा कि आप सीएम थे, और आपके समय ही नियम बनाए गए हैं। अलग-अलग खदानों के लिए अलग-अलग रेट आता है।
इस डॉ. रमन सिंह ने कहा कि एसईसीएल ने नोटिफिकेशन जारी किया है। इसे लेकर. कोल ट्रांसपोर्टिंग के लिए एसईसीएल मापदंड तय करता है। एसईसीएल जब गाइडलाइन तय कर चुका है, फिर छत्तीसगढ़ का उपक्रम क्यों रेट् तय करेगा। प्रति मीट्रिक टन ढाई सौ रुपये अतिरिक्त वसूली हुई है। करोड़ों की गड़बड़ी ट्रांसपोर्टिंग का रेट बढ़ाकर किया गया है। उन्होंने पूछा क्या टेंडर को निरस्त किया जाएगा?

इस पर सीएम श्री बघेल ने तल्खी दिखाते हुए कहा कि ये केमिकल लोचा है। एसईसीएल कब से चल रहा है और उसके नियम भी पहले से बने हुए हैं। अलग-अलग जगह का अलग- रेट है। दूरी के हिसाब से किलोमीटर तय होता है। आपने नियम बनाया रहता तो टेंडर क्यों निकलता। उन्होंने बताया कि एनटीपीसी, और एनएचपीसी की सहायक कंपनी ने इससे अधिक दर में कोल ट्रांसपोर्टेशन करवा रही है। सीएम ने जोर देकर कहा कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी है, और कहीं कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। 

इस पर पूर्व सीएम डॉ. रमन ने कहा कि यह इतना बड़ा मामला है तो जांच क्यों नहीं कराई जा रही है? उन्होंने कहा कि लोग 232 रुपये के रेट में तैयार हो जाएंगे, जबकि 466 रुपये के रेट में यहां टेंडर दिया गया। उन्होंने रमन सिंहने कहा कि मैं आपके चुनौती देता हूं कि 2012 के दर और अभी के दर पर खुली चर्चा करा लीजिए।

इस पर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी है, किसी तरह की जांच की जरूरत नहीं है। भाजपा विधायक सौरभ सिंह ने कहा कि 675 रुपए प्रति मीट्रिक टन में नई कंपनी को एमडीओ दिया गया है। सीएम ने कहा कि जबरदस्ती मामले को घुमाने की कोशिश की जा रही है। सदन में जोरदार हंगामा हुआ। भाजपा विधायक सदन के विधायकों की जांच कमिटी से जांच पर अड़े रहे। सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि बार-बार गड़बड़ी की बात करते हैं, इन्होंने खुद गड़बड़ी किया है। सदन में जोरदार हंगामा हुआ, और फिर विपक्ष ने बॉकऑउट कर दिया।