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0 मंत्री ने कहा-राज्य सरकार को कार्रवाई का अधिकार नहीं  

रायपुर। सीएसआर मद की राशि के खर्चों को लेकर गुरुवार को विधानसभा में जमकर बहस हुई। विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाया कि सीएसआर मद की राशि प्रभावित गांवों में नहीं खर्च की जाती है। विपक्षी सदस्यों ने सीएसआर राशि न देने वाले रोगों पर कार्रवाई की जानकारी मांगी। इस पर परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि सीएसआर राशि नहीं देने वाले उद्योगों पर कार्रवाई का अधिकार राज्य शासन को नहीं है। उन्होंने कहा कि सीएसआर कंपनी अधिनियम की धारा 135 के अधीन केन्द्र का विषय है। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी सदस्यों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। 

प्रश्नकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने मामला उठाया। उन्होंने कहा कि उद्योग यहां की जमीन और पानी का उपयोग करते हैं। लोग प्रदूषण झेलते हैं। क्या सीएसआर मद की राशि प्रभावित क्षेत्र के 10-15 किमी तक खर्च करने का कोई मापदण्ड है? इस पर उद्योग मंत्री की गैरहाजिरी में सवालों का जवाब देते हुए परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि ऐसा कोई मापदण्ड नहीं है। सीएसआर मद की राशि कहीं भी खर्च की जा सकती है।

उन्होंने एक पूरक सवाल के जवाब में कहा कि यदि कोई उद्योग राशि नहीं दे रहा है, तो उनसे राज्य सरकार अनुरोध करती है। मंत्री ने दोहराया कि सीएसआर कंपनी अधिनियम के तहत केन्द्र सरकार का विषय है। इस पर नेता प्रतिपक्ष श्री चंदेल ने कहा कि ओडिशा सरकार पॉलिसी बनाई है। इसमें सीएसआर मद के खर्चों के ऑडिट आदि का प्रावधान किया गया है। इस पर परिवहन मंत्री श्री अकबर ने भरोसा दिलाया कि ओड़िशा सरकार की नीति का अध्ययन कर समुचित कार्रवाई की जाएगी। 
वहीं भाजपा सदस्य अजय चंद्राकर ने सीएसआर मद के खर्चों की मॉनिटरिंग और कार्रवाई को लेकर जानकारी चाही। इस पर मंत्री श्री अकबर ने कहा कि यह केन्द्र सरकार का विषय है और राज्य सरकार उद्योगों से अनुरोध कर सकती है। राज्य सरकार की कार्रवाई का अधिकार नहीं है। इस पर भाजपा सदस्य शिवरतन शर्मा ने कहा कि बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के उद्योगों से सर्वाधिक सीएसआर की राशि आती है, लेकिन यह राज्य सरकार वृक्षारोपण व अन्य कार्यों के लिए ले लेती है। प्रभावित गांवों को लाभ नहीं मिल पाता।

वहीं कांग्रेस सदस्य शैलेष पाण्डेय ने कहा कि सीएसआर मद के खर्च उस क्षेत्र के विधायक की अनुशंसा से होनी चाहिए। इस बीच विपक्षी सदस्य धर्मजीत सिंह ने कहा कि उद्योगों के सीएसआर मद का ब्यौरा सदस्यों को उपलब्ध कराई जानी चाहिए, ताकि खर्च न करने पर जन प्रतिनिधि धरना-प्रदर्शन कर सके। इस पर नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदल ने कहा कि कलेक्टरों के मार्फत राशि सरकार को चली जाती है। उन्होंने कलेक्टरों की भूमिका पर सवाल खड़े किए। इस पूरे मामले में बहस के बाद मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी सदस्यों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। भाजपा सदस्यों के साथ धर्मजीत सिंह व जोगी कांग्रेस के विधायक प्रमोद शर्मा ने भी वॉकआउट किया।